Hindustan Special: यूपी के इस जेल में होगी कैदियों की पंचायत, पंच की रिपोर्ट के आधार पर जेल अधिकारी करेंगे समाधान
बागपत जेल में बंद बंदियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए पंचायत का गठन किया है। इनकी जो भी समस्याएं होंगी, उनकी जानकारी लेकर पंच अधिकारियों के पास जाएंगे।

गांवों में पंचायत मामलों का निस्तारण करती है। उसी तर्ज पर अब जेलों में बंद बंदियों की समस्याओं के निस्तारण के लिए पंचायत का गठन किया है। बंदियों में से ही पांच लोगों को पंच बनाया गया है। बंदियों की जो भी समस्याएं होंगी, उनकी जानकारी लेकर यह पंच अधिकारियों को अवगत कराएंगे। पंचों की रिपोर्ट के आधार पर जेल अधिकारी समस्या का निराकरण करेंगे।
बागपत जेल के जेलर जितेंद्र कश्यप ने बताया कि जेल में लंबे समय से बंद रहने वाले बंदी मानसिक तनाव में आ जाते हैं। ये बंदी अपनी समस्याओं के बारे में जेल अधिकारियों को बताने में भी संकोच करते हैं। इसका परिणाम यह होता है कि लंबे समय तक तनाव में रहने के कारण बंदी कभी-कभी आत्महत्या जैसे कदम भी उठा लेते हैं। बंदियों के इसी संकोच को दूर करने के लिए जेल प्रशासन ने एक अच्छी पहल की है।
गुमसुम रहने वाले बंदियों पर पंच रखेंगे नजर
डीजी जेल के निर्देश पर जेल में पंचायत का गठन किया जाएगा। जिसके लिए पांच पंचों का चयन किया जाएगा। ये पंच बंदी ही होंगे। जिसके बाद जेल में गुमसुम रहने वाले बंदियों की ये पंच निगरानी रखेंगे। जो बंदी किसी कारणवश अपनी समस्याएं जेल अधिकारियों को बताने में संकोच करते हैं, ऐसे बंदियों की पीड़ा उनसे बात कर पंच जानेंगे और समस्या के निराकरण का प्रयास कराएंगे। इतना ही नहीं पंच यदि बंदियों के किसी विवाद में कोई फैसला लेंगे, तो सर्वमान्य होगा। जिला जेल के जेलर जितेंद्र कश्यप ने बताया कि बंदी अपने साथियों को अपनी समस्याएं बताने में झिझकेंगे नहीं। जिनसे उनकी समस्याओं का समाधान समय रहते हो सके। यह बताया कि जरूरत पड़ने पर ऐसे बंदियों की नियमित रूप से काउंसलिंग कराई जाएगी। जिससे वह तनाव से दूर रह सकें।
जेल अधीक्षक को रहेगा हटाने का अधिकार
पंच बनाने के लिए बंदियों के बीच से ही उनका चुनाव किया जाएगा। इसके लिए प्रत्येक बैरक से पहले योग्य बंदियों का चुनाव किया जाएगा। जेल अधीक्षक उनसे बातचीत कर उनकी योग्यता का आकलन करेंगे और फिर योग्य बंदी को पंच बनाया जाएगा। जिन बंदियों को पंच बनाया जाएगा, उनके लिए उनकी शिक्षा, सभ्य आचरण, भाषण देने की क्षमता, बात की गंभीरता की समझ रखने वाले, बातों को गोपनीय रखने की क्षमता को परखा जाएगा।
आत्महत्या के मामलों में आएगी कमी
बागपत जेल के जेलर जितेंद्र कश्यप ने बताया कि जेलों में बंदियों की समस्याएं दूर करने के लिए पंचायत का गठन किया जाएगा। बंदियों के बीच से ही पांच योग्य पंचों का चुनाव किया जाएगा। विगत वर्षों में कई बंदी आत्महत्या जैसा कदम भी उठा चुके हैं। पंचायत के माध्यम से ऐसे बंदियों को चिह्नित कर उन्हें गंभीर कदम उठाने से पहले रोका जा सकता है। इससे आत्महत्या या उसके प्रयासों में कमी आने की उम्मीद जेल अधिकारियों को है।