मोबाइल फोन की लोकेशन ने कर दी चुगली, तब पकड़े गए रोशनी के हत्यारे पिता और भाई
मोबाइल फोन की लोकेशन ने चुगली कर दी, वरना कांट की रोशनी के गायब होने और उसकी हत्या होने का राज राज ही रहता। हो सकता था इस मामले में आरोपी बनाए गए उसके प्रेमी को जेल भी हो जाती, लेकिन पुलिस ने मामले...

मोबाइल फोन की लोकेशन ने चुगली कर दी, वरना कांट की रोशनी के गायब होने और उसकी हत्या होने का राज राज ही रहता। हो सकता था इस मामले में आरोपी बनाए गए उसके प्रेमी को जेल भी हो जाती, लेकिन पुलिस ने मामले में फूंक फूंक कर कदम रखा। विवचेना में बेहद संयम बरता, जिसकी वजह से प्रेमी संग कोर्ट मैरिज करने वाली रोशनी की हत्या का खुलासा हुआ। हारर किलिंग में उसके पिता, भाई, चचेरे भाई और अन्य रिश्तेदार की गिरफ्तारी हो गई। जिस प्रेमी पर रोशनी के अपहरण और गायब करने का आरोप लगाया गया, वह जेल जाने से बच गया।
एसपी एस आनंद ने बताया कि कांट में बैंक आफ बड़ौदा के पास रहने वाले बुधपाल सक्सेना की 18 साल की बेटी रोशनी का कस्बे के ही मुर्गी फार्म मोहल्ले के प्रभात नाम के युवक से प्रेम प्रसंग था। दोनों ने 14 जुलाई को कोर्ट मैरिज कर ली, लेकिन वह अपने अपने घरों में रहते रहे। रोशनी और प्रभात की कोर्ट मैरिज की जानकारी पिता बुधपाल और भाई बबलू उर्फ ओमप्रकाश को हो गई। चार सितंबर की रात में रोशनी की गला घोट कर हत्या कर दी गई। उसका शव उसी रात फर्रुखाबाद के घटियाघाट गंगा तट पर जला भी आए। इसके बाद 7 सितंबर को बुधपाल ने कांट कोतवाली में तहरीर देकर प्रभात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया कि उसकी बेटी रोशनी को प्रभात ने अपहरण कर लिया है, उसे गायब कर दिया है।
जातिबंधन आड़े आ गया परिवारों बीच
एसपी एस आनंद ने बताया कि कांट पुलिस ने रोशनी के अपहरण का मुकदमा दर्ज कर प्रभात को तलाश करना शुरू कर दिया। प्रभात को कोतवाली पुलिस ने रोशनी के बारे में कई राउंड पूछताछ की। प्रभात ने पुलिस को बताया कि वह और रोशनी प्रेम करते थे। दोनों अलग अलग बिरादरी के थे। प्रभात ने अपने परिवार में रोशनी से विवाह करने की इच्छा जताई थी, लेकिन प्रभात के परिजन रोशनी से उसकी शादी कराने के लिए तैयार नहीं हुए। दूसरी ओर रोशनी को भी पता था कि उसके परिजन भी प्रभात से शादी नहीं करने देंगे। इसलिए चोरी छिपे दोनों ने कोर्ट मैरिज कर ली।
तब रोशनी की हत्या की बात कबूली उसके भाई ने
प्रभात ने पुलिस से कहा कि दोनों मौका देख कर कांट से भाग जाने के लिए तैयारी कर रहे थे। प्रभात ने रोशनी के परिजनों पर हत्या कर शव ठिकाने लगाने का शक जताया। प्रभात से कई राउंड पूछताछ के बाद पुलिस को पक्का यकीन हो गया कि रोशनी के गायब होने से प्रभात का कोई मतलब नहीं है। इस दौरान प्रभात ने हाईकोर्ट से सुरक्षा संबंधी गाइड लाइन भी जारी करा दी। तब पुलिस को और सक्रिय होना पड़ा। इस बीच पुलिस ने प्रभात और रोशनी के भाई के मोबाइल फोन नंबरों को सर्विलांस पर लगवाया। उसकी सीडीआर निकलवाई। लोकेशन ट्रेस की गई।
शक की सुई घूमी, रात में बबलू क्या कर रहा था घटियाघाट में
कांट कोतवाली प्रभारी राजेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि चार सितंबर की रात में रोशनी के भाई बबलू की लोकेशन फर्रुखाबाद के घटियाघाट में ट्रेस हुई। तब पुलिस ने बबलू से पूछताछ शुरू की। बबलू ने शुरू में तो प्रभात पर ही आरोप मढ़े, लेकिन बाद में बबलू ने पुलिस को बताया कि रोशनी ने जहर खा लिया था, उसकी मौत हो गई थी। डर के कारण उसका शव वह लोग घटियाघाट पर फूंक आए। जब पुलिस ने और सख्ती की तो बबलू ने सच कबूल लिया। बताया कि चार सितंबर की रात में रोशनी की गला घोट कर हत्या की। अंधेरे में ही कार में शव ले जाकर घटियाघाट पर फूंक दिया।
घटियाघाट में गंगा तट पर बालू में दबे मिले कागजात
रोशनी की हत्या हो गई, पुलिस के सामने उसके भाई ने कबूल किया कि हत्या में उसके पिता बुधपाल, चचेरा भाई रमेश और एक अन्य रिश्तेदार बनवारी शामिल था, लेकिन अब समस्या थी कि हत्या का सबूत कहां से लाया जाए। पुलिस ने रोशनी का आधार कार्ड, शैक्षिक प्रमाणपत्र, विवाह प्रमाण पत्र, चप्पल आदि के बारे में भाई बबलू से पूछा तो उसने बताया कि वह घटियाघाट में गंगा तट पर गडढा खोद कर दबा आया था। पुलिस ने देर नहीं की, बबलू को ले जाकर बालू में दबे हुए आधार कार्ड, शैक्षिक प्रमाणपत्र और विवाह प्रमाण पत्र आदि बरामद किया। उनकी तस्दीक प्रभात ने की। बाद में बबलू ने पुलिस को बताया कि वह रोशनी के सभी कागजात जला देना चाहता था, लेकिन चिता की आग ठंडी होने के बाद उसे याद आया, तब उसने कागजात बालू में दबा दिए थे।