मुकदमे में नाम हटाने के लिए दरोगा और सिपाही ने मांगी रिश्वत, एसपी ने किया सस्पेंड
यूपी के रायबरेली जिले में मुकदमे में नाम हटाने के लिए दरोगा और सिपाही ने रिश्वत मांगी। उप निरीक्षक और एक कांस्टेबल को एसपी ने निलंबित कर दिया। साथ ही विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
यूपी के रायबरेली जिले में दरोगा और सिपाही रिश्वतखोरी में नप गए। महराजगंज कोतवाली में तैनात उप निरीक्षक और एक कांस्टेबल नेमारपीट के केस में नाम हटाने के लिए रिश्वत मांगी थी। इस मामले में शिकायत के बाद एसपी ऐक्शन लेते हुए जांच के निर्देश दिए थे। जांच रिपोर्ट आने के बाद दोनों दोषी पाए। इसके बाद एसपी ने उप निरीक्षक उत्कर्ष केसरवानी और कांस्टेबल शुभम यादव को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही एसपी ने दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के आदेश दिए हैं।
महराजगंज कोतवाली में तैनात उप निरीक्षक उत्कर्ष केसरवानी और कांस्टेबल शुभम यादव ने एक अभियुक्त के खिलाफ दर्ज मुकदमे की विवेचना में नाम हटाए जाने की एवज में बीस हजार रुपए की रिश्वत मांगी। इस मामले की शिकायत पुलिस अधीक्षक डॉ. यशवीर सिंह के पास पहुंची तो उन्होंने जांच के लिए अपर पुलिस अधीक्षक संजीव सिन्हा को निर्देशित किया। एएसपी संजीव सिंह ने जांच की तो दरोगा व कांस्टेबल दोषी पाए गए। इसके बाद एएसपी की जांच रिपोर्ट के आधार पर एसपी ने दोषी पाए गए उपनिरीक्षक और कांस्टेबल को निलंबित कर दिया। इसके साथ ही एसपी ने दोनों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए।
एसपी ने बताया कि जांच में दोषी पाए गए उप निरीक्षक उत्कर्ष केसरवानी और कांस्टेबल शुभम यादव को निलंबित कर दिया गया। इसके साथ ही अभी विभागीय कार्रवाई प्रचलित है। थानों में तैनात दरोगा और पुलिस कर्मियों की अब शिकायतों की जांच गोपनीय कराई जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।