बोले उन्नाव असर : एसडीएम, एक्सईन समेत 156 अफसर परखेंगे नाल सफाई की हकीकत
Unnao News - उन्नाव में, जिलाधिकारी गौरांग राठी ने नाला सफाई की जांच के लिए 156 अधिकारियों को नियुक्त किया है। मानसून से पहले सभी नालों की सफाई जांचना आवश्यक है। नगर पालिका ने 15 जून तक नालों की सफाई का दावा किया...

उन्नाव, संवाददाता। एसडीएम, एक्सईएन और विभागध्यक्ष अब नाला सफाई की जांच करेंगे। इसके बाद रिपोर्ट डीएम को सौपेंगे। इसके लिए जिलाधिकारी गौरांग राठी ने रविवार को 156 अफसरों के अलावा 114 कर्मियों की ड्यूटी लगाई है। एडीएम ने बताया कि उन्नाव और गंगाघाट पालिका में मानसून के पहले इन नालों में सफाई की जांच आवश्यक है। असल में, शहर में सभी नालों की सफाई के लिए समय सीमा 15 जून तय की गई थी। नगर पालिका ने भी दावा किया था कि तय समय में शहर के 22 किलोमीटर से अधिक छोटे-बड़े सभी 76 नालों की सफाई पूरी कर ली जाएगी।
मार्च में शुरू हुई नालों की सिल्ट सफाई का काम पालिका के दावे के अनुसार 80 फीसदी पूरा हो गया है। डीएम ने इसकी जांच कराई तो आधी-अधूरी सफाई मिली। इसके बाद नोडल अधिकारी के रूप में डेढ़ सौ अफसरों को नियुक्त किया है। इसमें एडीएम, एसडीएम, एक्सईएन सिंचाई, जलनिगम के अलावा जिला सेवा योजन अधिकारी और सहायक आयुक्त खाद्य, मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी, कृषि अधिकारी, पूर्ति व औषधि इंस्पेक्टर खाद्य को जिम्मेदारी सौंपी है। बीएसए के अलावा कर अधीक्षक आदि भी इसकी हकीकत परखते हुए रिपोर्ट डीएम को सौपेंगे। दावा और हकीकत अलग, फिर भी सब ठीक दावा है कि 35 किलोमीटर लंबे प्रमुख 80 नाले साफ किए जा चुके हैं और आठ की सफाई बाकी है। अधिकारियों के मुताबिक, बाकी बचा काम पूरा करने में आठ दिन और लगेंगे। हालांकि, उन्नाव और शुक्लागंज में सिल्ट निकालने के बाद सफाई का काम अब तक अधूरा है। शिकायत है कि दस दस दिन बाद भी सिल्ट नहीं हटाई गई है। प्रतियां पढ़कर नाराजागी जता चुके विशेष सचिव: असल में, आपके अपने अखबार ‘हिन्दुस्तान ने ‘बोले उन्नाव अभियान के तहत जलभराव की समस्या 32 वार्डों में उजागर की थी। इस पर जिला प्रशासन से लेकर शासन तक के अफसरों ने नाराजगी जताई थी। पुराने शहर मे कई नाले पटे पड़े थे। पांच जून को विशेष सचिव महेंद्र बहादुर सिंह लखनऊ से पहले नवाबगंज पहुंचे थे। यहां पर उन्होंने नगर पंचायत के हाईवे से जुड़े वार्ड की साफ-सफाई देखी थी। इसके बाद पक्षी विहार गए और पौधरोपण किया। यहां अखबारों की प्रतियां पढ़ीं तो कई जगह जलभराव और नाले की सफाई की हकीकत सामने आई। यहां से निकलने के बाद विशेष सचिव सीधे शहरी सीमा में पहुंचे। यहां भी उन्हें कुछ ठीक नहीं मिला था। उन्होंने शहर के अंदर एंट्री करते ही शिवनगर में साफ-सफाई को देखा था। फिर वह कलेक्ट्रेट पहुंचे और पन्नालाल सभागार में वीसी के माध्यम से सभी निकायों के ईओ से जुड़े। सीधे शब्दों में आदेश दिया था कि अधिशाषी अधिकारी खुद फील्ड पर निकलें। साफ-सफाई देखें। कहा कि यदि बारिश में कहीं भी जलभराव मिलेगा तो कार्रवाई की जाएगी। इसी के बाद जिलाधिकारी गौरांग राठी ने सिर्फ गंगाघाट के 25 वार्डों के लिए 53 अफसरों को जांच अधिकारी नियुक्त किया है। इनके अलावा पयर्वेक्षक के रूप में 70 से अधिक सफाई नायक और कर्मियों को भी लगाया है। जांच/नोडल अफसर - परिक्षेत्र - क्षितिज द्विवेदी (एसडीएम सदर) - रायबरेली क्रासिंग से लोन ड्रेन (1590 मीटर) - रामदेव निषाद (एडीएम न्यायिक) शेखपुर (4180 मीटर) - देवेंद्र प्रताप (एसडीएम- सफीपुर न्यायिक) उन्नाव शहर (4122 मीटर) - प्रीति चन्द्रा जिला सेवा योजन अधिकारी (गंगाघाट) 150 मीटर - पूर्णिमा तिवारी नायब तहसीलदार, (सिद्धनाथ मंदिर 1300 मीटर) - कु. गुंजन (सहायक खाद्य सुरक्षा अधिकारी)- चौधराना से गांधी टोला, - संगीता( बीएसए) छोटा चौराहा- उन्नाव नोट: जांच के लिए 82 अफसर उन्नाव और गंगाघाट में 52 अफसरों को नियुक्त किया गया है। तीन दिवस में जांच कर रिपोर्ट डीएम को सौंपनी है।
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