राम मंदिर दूसरी प्राण प्रतिष्ठा में 8 मंदिर शामिल, दर्शन को लेकर सामने आई अहम जानकारी
अयोध्या राम मंदिर में प्रथम तल पर राम दरबार के साथ आठ मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने बुधवार को प्रेस वार्ता में कुल सात मंदिरों का जिक्र किया।

अयोध्या राम मंदिर में प्रथम तल पर राम दरबार के साथ आठ मंदिरों में देव विग्रहों की प्राण-प्रतिष्ठा होगी। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने बुधवार को प्रेस वार्ता में कुल सात मंदिरों का जिक्र किया। इसमें राम दरबार के अलावा परकोटे के छह मंदिरों की मूर्तियां शामिल हैं। उन्होंने शेषावतार मंदिर की मूर्ति की प्रतिष्ठा की चर्चा नहीं की। इस बारे में हिन्दुस्तान ने जानना चाहा तो उन्होंने बताया कि शेषावतार मंदिर में निर्माण कार्य का दस प्रतिशत कार्य अवशेष हैं जिससे असमंजस है। उन्होंने बताया कि यदि सम्बन्धित निर्माण सकुशल पूरा हो गया तो ठीक है अन्यथा दूसरी तिथि पर विचार किया जाएगा। इस बीच प्रयास जारी हैं।
राम दरबार व परकोटे के मंदिरों में आम भक्तों का दर्शन अभी नहीं
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव ने बताया कि पांच जून को राम दरबार सहित परकोटे के सभी छह मंदिरों में प्राण-प्रतिष्ठा के बाद पूजा-अर्चना शुरू हो जाएगी। फिर भी आम श्रद्धालुओं के लिए दर्शन की व्यवस्था बनाने में समय लगेगा। उन्होंने बताया कि राम मंदिर में 50 हजार से डेढ़ लाख श्रद्धालु दर्शन करने प्रतिदिन आ रहे हैं लेकिन इतनी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं को प्रथम तल पर भेजना संभव नहीं है। इसके लिए अनुभव के आधार पर नये सिरे से व्यवस्था तय की जाएगी। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि परकोटा में दोनों भुजाओं का निर्माण भी अधूरा है जिसके कारण यहां भी दर्शन कराना मुश्किल है।
एमपी के नर्वदा नदी से निकाला गया शिवलिंग
राम मंदिर के परकोटे में शिवलिंग की स्थापना के लिए भगवान नर्वदेश्वर को स्थापित किया जा रहा है। यह शिवलिंग मध्यप्रदेश के महेश्वर जिले के पावन गांव में प्रवाहित नर्वदा नदी से निकाला गया है। चार-पांच शिवलिंग लाए गये थे। वास्तुकारों ने उनमें से जिस शिवलिंग का चयन किया है, उसे परकोटे के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) में स्थापित किया जा रहा है। अग्नि कोण में गणेश जी, नैऋत्य कोण में सूर्य नारायण देव जो सात घोड़ों के रथ पर सवार है। वायव्य कोण में मां भगवती की स्थापना हुई है।
परकोटा के दक्षिण बनेगी सीता रसोई
श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने बताया कि परकोटा के दोनों भुजाओं में भी अलग-अलग दो मंदिरों का निर्माण किया गया है। दक्षिणी भुजा के मध्य में हनुमान जी एवं उत्तरी भुजा के मध्य में मां अन्नपूर्णा का मंदिर है। बताया गया कि यहीं पर सीता रसोई की स्थापना की जाएगी जिसमें भगवान के भोग प्रसाद का निर्माण किया जाएगा।