बीएचएस के कार्यवाहक प्रधानाचार्य पर FIR,फर्जी मार्कशीट पर 15 साल से नौकरी करने का आरोप
यूपी के प्रयागराज में बीएचएस के कार्यवाहक प्रधानाचार्य पर FIR हुई। कार्यवाहक प्रधानाचार्य डेविड ल्यूक पर फर्जी मार्कशीट पर 15 साल से नौकरी करने का आरोप लगा है। बिशप मरिस एडगर टान की तहरीर पर कार्रवाई हुई है।

यूपी के प्रयागराज में ब्वायज हाईस्कूल बीएचएस के कार्यवाहक प्रधानाचार्य डेविड ल्यूक पर फर्जी मार्कशीट के आधार पर 15 साल से नौकरी करने के आरोप में मंगलवार को एफआईआर दर्ज हुई है। डायसिस ऑफ लखनऊ (चर्च ऑफ नार्थ इंडिया) के बिशप मरिस एडगर टान की तहरीर पर सिविल लाइंस थाने में डेविड ल्यूक और उनके बड़े बेटे व दोस्त के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस विधिक कार्रवाई में जुटी है।
बिशप मरिस एडगर ने पुलिस आयुक्त से लिखित शिकायत की थी कि डेविड ल्यूक को वर्ष 2010 में बीएचएस का कार्यवाहक प्रधानाचार्य नियुक्त किया गया था। वर्ष 2012 में प्रधानाचार्य पद पर नियुक्ति के लिए विज्ञापन जारी की गई थी। इसमें अन्य अभ्यर्थियों के डेविड ल्यूक ने भी आवेदन किया था। बिशप मरिस एडगर सहित पांच सदस्यीय चयन समिति के समक्ष डेविड ल्यूक ने छत्रपति साहूजी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर से वर्ष 2007 में एमए अंग्रेजी की कूटरचित मार्कशीट प्रस्तुत की थी। अब वह अपनी ही स्वहस्ताक्षरित को खुद का होने से इनकार कर रहा है। इसके अलावा डेविड ल्यूक अपनी बीएड की डिग्री संस्थानगत उत्तीर्ण होने का दावा किया है। जबकि डेविड ल्यूक ने बीएड की संस्थानगत डिग्री हासिल करने के बीएचएस में ड्यूटी करते हुए कभी छुट्टी नहीं थी।
डेविड के प्रधानाचार्य पद पर दस साल तक लेक्चरर का अनुभव का भी दावा किया। ऐसी स्थिति में एमए की डिग्री वर्ष 2007 की बजाए 2012 की होनी चाहिए थी। बिशप ने इस धोखाधड़ी में डेविड ल्यूक के साथ ही उसके बड़े बेटे और उसके अज्ञात दोस्त को भी आरोपी बनाया है। इस संबंध में डीसीपी नगर अभिषेक भारती ने बताया कि तहरीर के आधार पर सिविल लाइंस थाने में नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। मामले की जांच कर विधिक कार्रवाई की जाएगी।