अयोध्या राम मंदिर में 3 से 5 जून दूसरी प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव, 2 जून को भव्य कलश यात्रा
राम मंदिर की दूसरी प्राण प्रतिष्ठा का उत्सव 3 से 5 जून तक आयोजित होगा। इससे पूर्व दो जून को महिलाओं के द्वारा मंगल कलश यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा सरयू तट के संत तुलसीदास घाट से अपराह्न चार बजे शुरू होगी।

राम मंदिर की दूसरी प्राण प्रतिष्ठा के उत्सव से पूर्व दो जून को महिलाओं के द्वारा मंगल कलश यात्रा निकाली जाएगी। यह यात्रा सरयू तट के संत तुलसीदास घाट से अपराह्न चार बजे शुरू होगी और लता चौक से राम पथ होते हुए हनुमानगढ़ी, बड़ा स्थान व रंगमहल होकर श्रीराम मंदिर परिसर में यज्ञमंडप तक जाएगी। इसके पहले मां सरयू का पूजन एवं यजमान का प्रायश्चित कर्म भी संपादित होगा।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपत राय ने बताया कि तीन जून से अनुष्ठान का विधिवत शुभारम्भ होगा। तीन व चार जून को सुबह साढ़े छह बजे से सायं साढ़े छह बजे तक 12-12 घंटे का अनुष्ठान होगा। इस दौरान मध्याह्न में एक घंटे फलाहार के लिए विश्राम दिया जाएगा। इस तरह पांच जून को अनुष्ठान सुबह साढ़े छह बजे प्रारंभ होगा और अभिजित मुहूर्त में मध्याह्न 11.30 बजे के बाद देव विग्रहों में प्राणों के आधान की प्रक्रिया होगी और फिर आरती के साथ अपराह्न एक बजे अनुष्ठान की पूर्णाहुति हो जाएगी।
प्राण प्रतिष्ठा के लिए सभी तैयारियां वैदिक रीति-रिवाजों के अनुसार की जा रही हैं, ताकि यह समारोह पूर्ण विधि विधान से संपन्न हो। अयोध्या में श्रद्धालुओं के लिए विशेष व्यवस्थाएं की जा रही हैं, ताकि वे इस ऐतिहासिक क्षण का हिस्सा बन सकें। यह आयोजन अयोध्या को विश्व पटल पर और अधिक प्रमुखता प्रदान करेगा। राम मंदिर ट्रस्ट ने सभी भक्तों से इस पवित्र अवसर पर शामिल होने और भगवान श्रीराम के प्रति अपनी भक्ति अर्पित करने का आह्वान किया है। सप्त मंडपम में मूर्ति की स्थापना हो चुकी है।
श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र महासचिव चंपतराय ने बताया कि श्रीरामजन्मभूमि में सप्त मंडपम के अन्तर्गत सात मंदिर बनाए गये है। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2025 में गोस्वामी तुलसीदास महाराज की मूर्ति स्थापना के साथ ही सप्त मंडपम में मूर्तियों की स्थापना 30 अप्रैल अक्षय तृतीया को कराई जा चुकी है। इस सप्त मंडपम में महर्षि वाल्मीकि, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र एवं महर्षि अगस्त्य के अलावा निषादराज, माता शबरी एवं देवी अहिल्या की स्थापना करवा दी गई है
गत वर्ष 22 जनवरी को हुई थी प्राण प्रतिष्ठा
22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन हुआ था, जिसने विश्व भर में ध्यान आकर्षित किया था। इस बार राम दरबार की प्राण प्रतिष्ठा के साथ अयोध्या फिर आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र के रूप में अपनी महता को रेखांकित करेगी। चंपत राय ने बताया कि यह आयोजन न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपराओं को भी मजबूत करेगा। इसकी सारी तैयारी चल रही है।
प्राण-प्रतिष्ठा के दिन नहीं थमेगा दर्शन-पूजन
ट्रस्ट ने अयोध्या में 5 जून को राम दरबार समेत सात मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा की घोषणा की है। महासचिव चंपत राय ने बताया कि यह आयोजन गंगा दशहरा के पावन अवसर पर संपन्न होगा। इस दौरान दर्शन पूजन चलता रहेगा। रामदरबार में दर्शन कब से शुरू होंगे यह बात अभी तय नहीं है। तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो चुकी हैं और अयोध्या फिर धार्मिक उत्साह और भक्ति के रंग में रंगने को तैयार है। चंपत राय ने बताया कि आयोजन 3 जून से शुरू होगा, जिसमें यज्ञ मंडप पूजन और अग्नि स्थापना जैसे अनुष्ठान शामिल होंगे। 4 जून को विभिन्न अधिवास और पालकी यात्रा का आयोजन होगा और 5 जून को मुख्य प्राण प्रतिष्ठा समारोह होगा।