गोरखपुर चिड़ियाघर के शेर पटौदी ने तोड़ा दम, बर्ड फ्लू की आशंका, ब्लड रिपोर्ट बताएगी मौत का कारण
यूपी में बर्ड फ्लू की आशंका के बीच कानपुर चिड़ियाघर में शेर पटौदी की मौत हो गई है। पटौदी को बर्ड फ्लू होने की आशंका है। इसके चलते उसके खून के नमूने जांच को भेजे गए हैं। ब्लड रिपोर्ट भोपाल से आएगी। इसके बाद साफ होगा की पटौदी को बर्ड फ्लू था या नहीं।

यूपी में बर्ड फ्लू की आशंका के बीच कानपुर चिड़ियाघर में शेर पटौदी की मौत हो गई है। बीती सात मई को गोरखपुर चिड़ियाघर की बाघिन शक्ति की मौत बर्ड फ्लू से हुई थी। इसका पता चलने के बाद से चिड़ियाघर हाई अलर्ट पर है। पटौदी की भी तबियत खराब होने पर इलाज के लिए उसे गोरखपुर से कानपुर भेजा गया था। उसकी ब्लड रिपोर्ट भोपाल जांच को भेजी गई है। ब्लड रिपोर्ट आने के बाद मौत के कारणों का पता चलेगा। साथ ही बर्ड फ्लू होने या न होने की जानकारी मिलेगी। गोरखपुर चिड़ियाघर के अन्य जानवरों के भी नमूने लिए जा रहे हैं। आगामी 20 मई तक चिड़ियाघर को बंद कर कर दिया गया है।
जानकारी दी गई है कि शेर पटौदी ने गुरुवार सुबह दम तोड़ दिया। पटौदी का पैंक्रियाज और लीवर में इन्फेक्शन का इलाज चल रहा था। आशंका है कि पटौदी भी बर्ड फ्लू से संक्रमित होगा। भोपाल से पटौदी की ब्लड रिपोर्ट आने का इंतजार है। वहीं, पटौदी का अंतिम संस्कार सुरक्षा के साथ इंसीनरेटर में किया जाएगा।
यह है मामला
बीते 30 मार्च से 10 मई के बीच में चिड़ियाघर में बाघ केसरी, बाधिन शक्ति, भेड़िया भैरवी और तेंदुआ मोना की मौत हो गई। 7 मई को हुई बाघिन की मौत के कारणों की जांच भोपाल के राष्ट्रीय उच्च पशुरोग चिकित्सा संस्थान ने की। इस जांच में मौत का कारण बर्ड फ्लू का संक्रमण पाया गया। इस बीच यहां से शेर पटौदी को इलाज के लिए कानपुर चिड़ियाघर भेजा गया। जहां इलाज के दौरान उसकी भी मौत हो गई। इसके बाद से प्रदेश में हड़कंप मच गया है। सभी चिड़ियाघर में दर्शकों की एंट्री पर रोक लग गई है।
लखनऊ से पहुंची टीम, महामारी के प्रसार का सर्वे
शासन ने चिड़ियाघर में वन्यजीवों की मौत के मामले को संजीदगी से लिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर बुधवार को अपर निदेशक कुक्कुट डॉ. राजेन्द्र प्रसाद की अगुआई में लखनऊ से पहुंची चार सदस्यीय टीम ने चिड़ियाघर में महामारी के प्रसार को लेकर सर्वे किया।
चिड़ियाघर के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. योगेश प्रताप सिंह ने बताया कि टीम की निगरानी में परिसर में मौजूद दूसरे वन्यजीवों की सेहत की जांच की गई। उनके रखरखाव की पड़ताल की। भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आईवीआरआई) बरेली और राष्ट्रीय उच्च पशुरोग चिकित्सा संस्थान भोपाल की टीम चिड़ियाघर का दौरा कर सकती है। यह टीम चिड़ियाघर में मौजूद दूसरे वन्यजीवों और पक्षियों के नमूने लेगी। उनमें संक्रमण के प्रसार की जांच करेगी।