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शहर काजी कौन? नमाज के बाद जामा मस्जिद में धक्कामुक्की, माइक नहीं देने पर हंगामा

  • यूपी के मेरठ में कोतवाली स्थित शाही जामा मस्जिद में जुमे की नमाज में हंगामा हो गया। शहर काजी डॉ. जैनुस सालिकीन सिद्दीकी और दूसरे शहर काजी कारी शफीकुर्रहमान कासमी भी जामा मस्जिद पहुंच गए। कारी शफीक को तकरीर नहीं करने दी। बाद में उनके साथ धक्कामुक्की भी हुई।

Srishti Kunj प्रमुख संवाददाता, मेरठSat, 22 March 2025 08:58 AM
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शहर काजी कौन? नमाज के बाद जामा मस्जिद में धक्कामुक्की, माइक नहीं देने पर हंगामा

यूपी के मेरठ में कोतवाली स्थित शाही जामा मस्जिद में जुमे की नमाज में हंगामा हो गया। शहर काजी डॉ. जैनुस सालिकीन सिद्दीकी और दूसरे शहर काजी कारी शफीकुर्रहमान कासमी भी जामा मस्जिद पहुंच गए। कारी शफीक को तकरीर नहीं करने दी। बाद में उनके साथ धक्कामुक्की भी हुई। इस दौरान जामा मस्जिद में सुरक्षा के कड़े इंतजाम थे। जामा मस्जिद में में जुमे की नमाज शहर काजी अदा कराते रहे हैं। कारी शफीकुर्रहमान कासमी तकरीर करते हैं। प्रो. जैनुस साजिद्दीन सिद्दीकी के इंतकाल के बाद शहर काजी को लेकर विवाद चल रहा है। शहर काजी डॉ. जैनुस सालिकीन सिद्दीकी और कारी शफीकुर्रहमान कासमी के समर्थकों की अपनी-अपनी लामबंदी हो रही है।

विवाद और मुचलका पाबंद होने की कार्रवाई को देखते हुए पिछले जुमे को कारी शफीक जामा मस्जिद नहीं आए थे, लेकिन इस बार जुमे की नमाज में वह यहां आए। उन्होंने मस्जिद में तकरीर करने की कोशिश की तो उन्हें माइक नहीं दिया गया और हंगामा हो गया। टकराव की आशंका को देखते हुए जामा मस्जिद में बाहर से लेकर अंदर तक पुलिस फोर्स तैनात की गई थी। पहली बार जमा मस्जिद में अंदर पुलिस तैनात की गई थी। यहां मुस्लिम पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया था।

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नमाज के बाद कारी शफीक जाने लगे तो उनके साथ धक्कामुक्की और कपड़े खींचने की कोशिश हुई। दोनों शहर काजी के समर्थकों में नोकझोंक, हाथापाई और धक्कामुक्की हुई। पुलिस ने कारी शफीक को सुरक्षा घेरे में लेकर निकाला। कारी शफीक ने कहा कि 43 साल में जामा मस्जिद में उनके साथ पहली बार धक्कामुक्की, खींचतान हुई और उन्हें जुमे की नमाज में तकरीर करने से रोका गया। वहीं शहर काजी डॉ. जैनुस सालिकीन सिद्दीकी ने कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया।

जमीयत उलमा शहर के महामंत्री मौलाना कारी सलमान कासमी ने कहा है कि कारी शफीक से तकरीर करने के लिए शहर काजी जैनुस डॉ. सालिकीन सिद्दीकी से इजाजत लेने को कहा था, उन्होंने वैसा नहीं किया। इसलिए तकरीर नहीं कर पाए। वहीं, कारी शफीक के साथ हुई घटना को लेकर मुस्लिम समाज के लोग आज डीएम को ज्ञापन देकर कार्रवाई की मांग करेंगे।

मुचलका पाबंद हुए नौ लोगों ने दी आपत्ति

शहर काजी विवाद में शांति भंग की आशंका में मुचलका पाबंद किए गए सपा नेताओं समेत नौ लोगों ने आपत्ति दर्ज कराई है। इन लोगों का कहना है कि उनका शांति भंग से कोई लेना देना नहीं है। आरोपियों की आपत्ति के बाद सिटी मजिस्ट्रेट ने कोतवाली पुलिस से जवाब मांगा है। 24 मार्च को इस मामले की सुनवाई होगी।

विरासत की बुनियाद पर कोई नहीं बन सकता शहर काजी

कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने कहा कि सिर्फ विरासत की बुनियाद पर कोई शहर काजी नहीं बन सकता। तकरीर करने जामा मस्जिद पहुंचा तो माइक देने से मना कर दिया, नमाजियों ने शोर किया। फ़तिना रोकने के लिए हम खामोश बैठ गए। जब नमाजी मुसाफ़ा करने पहुंचे तो धक्कामुक्की की गई।

बदअमनी फैलाना चाहते है कारी शफीक : बशीर

डॉ बशीर अहमद खान ने कहा कि कारी शफीकुर्रहमान कासमी ने काजी जैनुस साजिद्दीन के लिए ऐसा ही बयान दिया था जिस पर काफी वावेला मचा था। उन्हें शहर काजी तस्लीम कर लिया था और 36 साल पद पर रहे। आज फिर क़ारी शफीक उन्हीं मुद्दों को उठाकर बदअमनी फैलाना चाहते हैं।

जो हुआ वह साजिश का हिस्सा : मौलाना खुर्शीद

मौलाना खुर्शीद ने कहा कि मेरठ की आवाम ने काजी जैनुल सालिकीन को शहर काजी तस्लीम कर लिया है। आज जो कुछ जामा मस्जिद में हुआ कारी शफीक की सोची समझी साजिश का हिस्सा है।