police will have to connect the links of evidence in saurabh murder case only then muskaan and sahil will get punishment सौरभ हत्‍याकांड में पुलिस को जोड़नी होगी सबूतों की कड़ियां, तभी मिलेगी मुस्‍कान-साहिल को सजा, Uttar-pradesh Hindi News - Hindustan
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सौरभ हत्‍याकांड में पुलिस को जोड़नी होगी सबूतों की कड़ियां, तभी मिलेगी मुस्‍कान-साहिल को सजा

  • मेरठ के सौरभ हत्‍याकांड में चूंकि में चश्मदीद नहीं हैं, इसलिए फोरेंसिक साक्ष्य और सीसीटीवी फुटेज के अलावा अन्य गवाहों की मदद से ही आरोपियों को सजा कराई जाएगी। ऐसे में पुलिस को साक्ष्यों की हर कड़ी को जोड़ना होगा, ताकि आरोपी कोर्ट में बच न पाए।

Ajay Singh प्रमुख संवाददाता, मेरठSat, 22 March 2025 08:50 AM
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सौरभ हत्‍याकांड में पुलिस को जोड़नी होगी सबूतों की कड़ियां, तभी मिलेगी मुस्‍कान-साहिल को सजा

Meerut Murder Case: सौरभ हत्याकांड को जिस तरह से अंजाम दिया गया, उसे जघन्य और विरलतम श्रेणी का अपराध माना जा रहा है। पुलिस ने मुकदमे में जो धाराएं लगाई हैं, उनके हिसाब से आजीवन कारावास से लेकर फांसी तक की सजा हत्यारोपियों को कोर्ट सुना सकती है। बशर्ते पुलिस इस मामले में तमाम साक्ष्य संकलन करते हुए मजबूत विवेचना करे और कोर्ट में भी सही ढंग से पैरवी की जाए। चूंकि केस में चश्मदीद नहीं हैं, इसलिए फोरेंसिक साक्ष्य और सीसीटीवी फुटेज के अलावा अन्य गवाहों की मदद से ही आरोपियों को सजा कराई जाएगी। ऐसे में पुलिस को साक्ष्यों की हर कड़ी को जोड़ना होगा, ताकि आरोपी कोर्ट में बच न पाए। आइए जानते हैं कि इस मामले में क्‍या है वरिष्‍ठ अधिवक्‍ताओं की राय-

बार काउंसिल ऑफ यूपी के पूर्व चेयरमैन और मेरठ बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अधिवक्ता रोहिताश्व अग्रवाल ने कहा कि सौरभ हत्याकांड विरलतम श्रेणी के अपराध का मामला है। यह पूरा केस जिस तरह से अंजाम दिया गया, उसमें परिस्थितिजन्य साक्ष्य पर ही पूरा केस टिका है। पुलिस को साक्ष्यों की पूरी कड़ियां जोड़नी होगी और मजबूत विवेचना कर चार्जशीट कोर्ट में दाखिल करनी होगी। पुलिस को चाहिए कि कहीं भी सबूतों की चेन न टूटे। जिस तरह से कत्ल किया गया, उसमें पहले से ही पूरी तैयारी मुस्कान ने की हुई थी। सौरभ और उसके परिवार को इंसाफ दिलाने के लिए और यदि पीड़ित परिवार चाहे तो मैं इस केस को बिना फीस लिए लड़ने के लिए तैयार है।

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वरिष्‍ठ अध‍िवक्‍ता ओपी शर्मा ने कहा कि सौरभ हत्याकांड एक जघन्यतम अपराध है। जिस तरह से हत्या कर लाश के टुकड़े किए और इन्हें ड्रम में डालकर सीमेंट के घोल में दबा दिया गया, यह छोटी घटना नहीं है। ऐसे अपराध क्रूरतम श्रेणी के होती हैं। पुलिस ने इस हत्याकांड में शव, लाश छिपाने के लिए इस्तेमाल ड्रम, हत्या के लिए इस्तेमाल किया गया चाकू और बाकी सामान बरामद किया है। घर से फोरेंसिक साक्ष्य मिले हैं, जिससे मुस्कान और साहिल की हत्या के समय घटनास्थल पर मौजूदगी की पुष्टि हो रही है। ऐसे बरामदगी और परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के सहारे आरोपियों को जरूर सजा होगी। पुलिस को चाहिए कि जल्द से जल्द चार्जशीट दाखिल कर दे, ताकि पीड़ित परिवार को इंसाफ मिले।

वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता अनिल बख्‍शी ने कहा कि पुलिस ने सौरभ की लाश और आला ए कत्ल घर से बरामद किया है। इस घटना में मुस्कान की सीधे-सीधे भूमिका सामने आई है और उसी ने लाश भी बरामद कराई है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट और सौरभ मौत का समय भी इस केस में अहम है। मौत के समय मुस्कान की घर पर मौजूदगी पुष्ट होने के बाद बाकी चीजें आसान हो जाएंगी। पुलिस के पास वह तमाम साक्ष्य मौजूद हैं, जिससे पता चलता है कि हत्या की साजिश मुस्कान ने पहले से ही की हुई थी।इसके बाद अपने प्रेमी साहिल के साथ मिलकर सौरभ की हत्या की। पुलिस को तमाम साक्ष्य की कड़ियां जोड़कर ठोस केस बनाकर कोर्ट में पेश करना होगा। तभी आरोपियों को सजा मिलेगी।

वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता विनोद काजीपुर ने कहा कि मेरठ में पहले भी इस तरह की घटनाएं हुई हैं और आरोपियों को कोर्ट ने सजा सुनाई है। इस केस में मुस्कान और साहिल ने साजिश के तहत अपराध किया है, इसलिए साजिश की धारा बढ़ाई जानी चाहिए। दोनों आरोपियों के फिंगर प्रिंट ड्रम, लाश, चाकू और घर पर मिले हैं, जो साक्ष्य फोरेंसिक साक्ष्य के रूप में पुलिस के पास मौजूद होंगे। बाथरूम और कमरे से मानव रक्त मिला होगा। लाश और चाकू भी आरोपी मुस्कान और साहिल की निशानदेही पर बरामद किया गया है। डॉक्टर ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हत्या कर शव काटने की पुष्टि की है। सौरभ की हत्या सोची समझी साजिश के तहत की गई है और दोनों आरोपियों को सजा से कोई नहीं बचा सकता। हो सकता है कि आरोपी खुद को मानसिक रोगी दिखाने का प्रयास करें, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। आजीवन कारावास से लेकर फांसी तक की सजा हो सकती है।

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वरिष्‍ठ अधिवक्‍ता अशनिका शर्मा ने कहा कि सोची समझी प्लानिंग के साथ यह जघन्य हत्याकांड अंजाम दिया गया है। पुलिस साक्ष्य आधार पर आगे बढ़ेगी। चूंकि अभी कोई चश्मदीद सामने नहीं आया है, इसलिए परिस्थितिजन्य साक्ष्यों को पुलिस जुटा रही है और बाकी साक्ष्य संकलन किए जा रहे हैं, जिससे हत्या में मुस्कान और साहिल की भूमिका सीधे तौर पर कोर्ट में साबित की जा सके। मुस्कान और साहिल को दोषी करार देने के लिए पर्याप्त साक्ष्य भी दिख रहे हैं। बाकी कोर्ट का अधिकार क्षेत्र हैं कि सजा सुनाई जाती है।

सौरभ हत्‍याकांड में कब-क्‍या हुआ

- 24 फरवरी: सौरभ लंदन से मेरठ आया था

- 25 फरवरी: मुस्‍कान का जन्‍मदिन मनाया

-25 फरवरी: मुस्‍कान ने सौरभ की हत्‍या का प्रयास किया

-28 फरवरी: सौरभ-मुस्‍कान ने बेटी का जन्‍मदिन मनाया

-3 मार्च: सौरभ को नींद की दवा देकर मुस्‍कान और साहिल ने कर दी हया

- 4 मार्च: मुस्‍कान और साहिल ने लाश को ड्रम में सीमेंट डालकर बंद किया। हिल स्‍टेशन भागे

-5 मार्च: मुस्‍कान और साहिल दोनों श‍िमला पहुंचे

- 9 मार्च: दोनों हत्‍यारोपी मनाली पहुंच गए

-12 मार्च: मुस्‍कान और साहिल कसौल पहुंचे

-14 मार्च: कसौल में मुस्‍कान और साहिल ने होली खेली

-17 मार्च: मुस्‍कान और साहिल देर रात 11 बजे वापस मेरठ आए

-18 मार्च: मुस्‍कान ने परिजनों ने सामने सौरभ की हत्‍या का खुलासा किया। लाश बरामद

-18 मार्च: मुस्‍कान और साहिल गिरफ्तार

-19 मार्च: मुस्‍कान और साहिल को जेल भेजा गया