कबीरकालीन संकट में बाबा शिवानंद का शव
Varanasi News - बाबा शिवानंद के शव के अंतिम संस्कार को लेकर उनके अनुयायियों में मतभेद है। एक पक्ष दाह संस्कार का पक्षधर है, जबकि दूसरा भू-समाधि देना चाहता है। दो संभावित स्थानों पर चर्चा हो रही है। अनुयायी देशभर से...

वाराणसी, अरविन्द मिश्र। आजीवन बाजार और प्रचार से दूर रहे बाबा शिवानंद के शव पर कबीर कालीन संकट आ गया है। उनके अनुयायी दो विचार धाराओं पर अमल की सोच रहे हैं। संत कबीर के शव को भी कोई दफनाना चाहता था कोई अग्नि का समर्पित करना चाहता था। बाबा शिवानंद के शव के अंतिम संस्कार को लेकर भी कुछ ऐसा ही है। अनुयायियों का बड़ा वर्ग इस पक्ष में है कि बाबा के पार्थिव शरीर का दाह संस्कार हो तो दूसरा पक्ष भू-समाधि देना चाहता है। मंशा यह कि बाबा की स्मृतियां उनके अनुयायियों के बीच बनी रहें। अनुयायी जब चाहें समाधि स्थल पर आकर बाबा से निकटता अनुभव कर सकें।
भू-समाधि के लिए दो स्थानों की चर्चा है। एक भूखंड शूलटंकेश्वर महादेव मंदिर के निकट है। दूसरे स्थान के रूप में बाबा की शिष्या लंदन की डॉ. शर्मिला सिन्हा ने कबीरनगर कॉलोनी स्थित अपना फ्लैट दान करने की पेशकश की है। अंतिम संस्कार की तैयारियों से जुड़े संजय सर्वजन ने बताया कि अब तक कोई स्थान तय नहीं है। भू-समाधि के लिए हम प्रशासन से अनुमति और स्थान के लिए मुख्यमंत्री कार्यालय के संपर्क में हैं। देशभर से जुटे अनुयायी इन सब के बीच उनके अंतिम दर्शन के लिए कबीरनगर के सामुदायिक हाल में पूरे दिन लोगों का तांता लगा रहा। असम, पं.बंगाल, झारखंड, बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, कर्नाटक से डेढ़ सौ से अधिक अनुयायी रविवार की शाम तक यहां पहुंच चुके हैं। जनप्रतिनिधि से लेकर आमजन तक शामिल रहे। कुछ करीबी शिष्य लगातार बाबा के पार्थिव शरीर के आसपास ही रहे। जहां बाबा का पार्थिव शरीर अंतिम दर्शन को रखा गया है वहां की व्यवस्था संभाले लोगों के अलावा पहुंच रहे लोगों की आंखें नम रहीं। बाबा के चमत्कारिक व्यक्तित्व पर चर्चा करते हुए बरबस आंखें भर जा रही हैं। सायंकाल भक्तों ने शव की परिक्रमा कर नारायण संकीर्तन किया।
लेटेस्ट Hindi News , बॉलीवुड न्यूज, बिजनेस न्यूज, टेक , ऑटो, करियर , और राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।