छात्रों ने बंद कराई कक्षाएं, कुलपति कार्यालय पर जड़ा ताला
Varanasi News - काशी विद्यापीठ में मेरिट आधारित प्रवेश के खिलाफ छात्रों का गुस्सा बढ़ गया है। छात्रों ने प्रशासन का पुतला फूंका और कुलपति कार्यालय में ताला जड़ दिया। 18 दिनों से धरने पर बैठे छात्रों की मांग है कि...

वाराणसी, वरिष्ठ संवाददाता। काशी विद्यापीठ में मेरिट आधारित प्रवेश के विरोध में छात्रों का गुस्सा शुक्रवार को फूट पड़ा। मुख्य परिसर में विद्यार्थियों की आवाजाही शुरू हुई ही थी कि बड़ी संख्या में जुटे छात्र एक-एक कर सभी संकाय बंद कराने लगे। छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन का पुतला फूंका। इसके बाद छात्र पंत प्रशासनिक भवन में घुसे और कुलपति कार्यालय के गेट पर ताला जड़ दिया। प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्यों की भी छात्रों के सामने एक न चली। मौके पर फोर्स के साथ पहुंचे एसीपी चेतगंज ने छात्रों को शांत कराया। काशी विद्यापीठ के छात्रनेता रवींद्र सिंह पटेल की अगुवाई में दर्जनों छात्र 18 दिनों से प्रशासनिक भवन के सामने धरने पर बैठे हुए हैं।
इससे पहले छात्रों ने कुलपति को दो बार ज्ञापन देकर मेरिट आधारित प्रवेश पर पुनर्विचार करने और प्रवेश परीक्षा कराने की मांग की थी। छात्रों को आश्वासन मिले मगर मांगे पूरी न हुईं। धरने के तीसरे दिन प्रवेश समिति के सदस्यों ने छात्रों के सामने सारी जानकारी रखी, मगर छात्रों के सवालों का जवाब देने वह दोबारा नहीं आए। इसे बाद 15 दिन से छात्र विश्वविद्यालय प्रशासन के अधिकारियों का इंतजार करते रहे। शुक्रवार को परिसर खुलते ही छात्र एकजुट होकर सभी कक्षाओं को बंद कराने लगे। इसके बाद प्रशासनिक भवन में घुस गए। मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने छात्रों को शांत कराया। विद्यापीठ के वरिष्ठ छात्रनेता भी मौके पर पहुंचे। वरिष्ठ छात्रनेता अमित पटेल रिंकू, पूर्व महामंत्री विकास सिंह, अजय पाल, पूर्व महामंत्री समीर मिश्रा, प्रभु पटेल, अनुपम सिंह गोलू ने धरनारत छात्रों से बात की। हालांकि ऐलान किया कि धरना आगे भी जारी रहेगा। धरना में रवींद्र सिंह पटेल, शिवम यादव, आशीष गोस्वामी, शशांक शेखर, जतिन पटेल, करन प्रजापति, आशीष मौर्य सहित अन्य मौजूद रहे। कुलपति से वार्ता विफल, छात्र पंचायत आज काशी विद्यापीठ में शुक्रवार की शाम कुलपति से वरिष्ठ छात्रनेताओं की वार्ता विफल रही। छात्रों के हित के लिए शनिवार को भारत माता मंदिर परिसर में सर्वदलीय छात्र युवा पंचायत का ऐलान किया गया है। छात्र पंचायत में आगे के आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। छात्रनेता अमित पटेल रिंकू ने बताया कि सर्वदलीय वार्ता के दौरान कुलपति का जवाब असंतोषजनक रहा। छात्र 18 दिनों से धरने पर बैठे हैं और विश्वविद्यालय प्रशासन छात्रों की सुनवाई तक नहीं कर रहा। विद्यापीठ में गरीब मगर प्रतिभाशाली छात्रों के अधिकारों के हनन की साजिश रची जा रही है। इसके खिलाफ दलीय बंधन तोड़कर छात्र अब विश्वविद्यालय प्रशासन की हठधर्मिता के खिलाफ छात्र युवा पंचायत में निर्णायक लड़ाई की रणनीति तैयार करेंगे।
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