नए बिंबों से प्रभावी बना पुराना नाटक
Varanasi News - वाराणसी में सोमवार को प्रख्यात लेखक शरद जोशी का नाटक ‘एक था गधा उर्फ अलादाद खान’ का मंचन हुआ। इस नाटक में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर कटाक्ष किया गया है। युवा कलाकारों ने प्रभावी अभिनय किया। नाटक...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। प्रख्यात लेखक शरद जोशी का नाटक ‘एक था गधा उर्फ अलादाद खान क्यों सार्वकालिक है इसका प्रमाण सोमवार को काशी के रंगदर्शकों ने देखा। सामाजिक, राजनीतिक विकटताओं और विरोधाभास के इर्द-गिर्द घूमते नाटक में किए गए कटाक्ष की प्रासंगिता निर्देशकीय कौशल से और बढ़ गई। पुराने नाटक में नए बिंबों का समावेश कर इसे अधिक प्रभावी बना दिया गया। इंग्लिशिया लाइन स्थित भारतीय शिक्षा मंदिर के सभागार में सोमवार को मंचित नाटक में सत्ताधारियों की ओर से सस्ती लोकप्रियता के लिए महंगे दिखावे, नौकरी में उन्नति के लिए चमचागीरी की अनिवार्यता, समाज को नियंत्रित करने वाले तंत्रों में समाए भ्रष्टाचार से सत्तावान द्वारा झूठ को सच बनाकर पेश करने की प्रवृत्ति।
इस नाटक में सबको जीवंतता मिली। बनारस यूथ थिएटर एवं रंग प्रयोग नाट्य संस्थान की ओर से आयोजित 40 दिवसीय कार्यशाला में तैयार नाटक में शामिल युवा कलाकारों ने प्रभावी अभिनय किया। अपनी शर्तों पर काम करने वाले रंगधर्मी, अक्ल के अंधे नवाब, भ्रष्टाचारी दारोगा, दरबारी चिंतकों और नवाब की कनीजों का किरदार निभाने वाले कलाकारों ने अपना शत-प्रतिशत दिया। आरंभ में मुख्य अतिथि राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के निदेशक प्रवीण कुमार गुंजन, विशिष्ट अतिथि नागरी नाटक मंडली न्यास के अध्यक्ष डॉ. संजय मेहता ने दीप जलाकर शुभारंभ किया। आगतों का स्वागत डॉ. उपेंद्र विनायक सहस्रबुद्धे, धन्यवाद ज्ञापन अर्चना निगम ने किया। मंच पर काशी के युवा रंगकर्मी उत्कर्ष सहस्रबुद्धे के निर्देशन में मंचित नाटक में नवाब विशाल श्रीवास्तव, कोतवाल रामकृष्ण यादव, जुग्गन अनूप दुबे, विदूषक एवं पत्रकार कुमार सिद्धांत, दरबारी चिंतक कुंदन, निरंजन अमरजीत, जनता का किरदार आदर्श, विकेश, तुषार, दरबारी श्रुति सिंह, ऋचा पांडेय, अनिकेत, गोपालजी निगम, अलादाद खां, सुमित सावजी ने निभाया।
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