काशी अनेक दुर्लभ एवं गूढ़ विद्याओं की नगरी
Varanasi News - वाराणसी, संस्कृत की प्राचीन संस्था शास्त्रार्थ महाविद्यालय द्वारा आयोजित शिविर का समापन समारोह हुआ। इसमें विद्यार्थियों को भाल रेखा का अध्ययन कराया गया। मुख्य अतिथि डॉ. गणेश दत्त शास्त्री थे। इस अवसर...

वाराणसी, मुख्य संवाददाता। काशी अनेक दुर्लभ एवं गूढ़ विद्याओं की नगरी है। यहां देवभाषा संस्कृत का विशेष महत्व है। यही कारण है कि अनेक प्राचीन शास्त्रों का अध्ययन-अध्यापन इस नगरी में निरंतर चलायमान है। यह बातें संस्कृत की प्राचीन संस्था शास्त्रार्थ महाविद्यालय की ओर से रविवार को दशाश्वमेध के भूतेश्वर गली स्थित परिसर में आयोजित शिविर के समापन समारोह में वक्ताओं ने कहीं। शिविर में गत एक माह से विद्यार्थियों को भाल रेखा का अध्ययन कराया जा रहा था। शिविर संचालक आचार्य संजय उपाध्याय रहे। मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार प्राप्त पूर्व प्राचार्य डॉ.गणेश दत्त शास्त्री, विशिष्ट अतिथि काशी पंडित सभा के मंत्री डॉ. विनोद राव पाठक रहे।
अध्यक्षता डॉ.सारनाथ पांडेय ने की। संचालन प्राचार्य डॉ. पवन कुमार शुक्ल ने किया। डॉ. आमोद दत्त शास्त्री, डॉ. शेषनारायण मिश्र एवं डॉ. रामलखन पाठक ने विचार व्यक्त किए।
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