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जिस विकास दुबे के फरमान पर जुटती थी भीड़, उसके पिता को नहीं मिला चार कंधा, अंत्येष्टि में परिवार भी नहीं पहुंचा

यूपी के मोस्टवांटेड रहे दुर्दांत विकास दुबे के पिता की मौत सोमवार रात बीमारी की वजह से हो गई। जिस विकास दुबे के एक फरमान पर हजारों की भीड़ जुट जाती थी। उसके पिता को अंत समय चार कंधे भी मिलना नसीब नहीं हो पाया।

Yogesh Yadav हिन्दुस्तान, चौबेपुर (कानपुर), संवाददाताTue, 31 Dec 2024 09:36 PM
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जिस विकास दुबे के फरमान पर जुटती थी भीड़, उसके पिता को नहीं मिला चार कंधा, अंत्येष्टि में परिवार भी नहीं पहुंचा

यूपी के मोस्टवांटेड रहे दुर्दांत विकास दुबे के पिता की मौत सोमवार रात बीमारी की वजह से हो गई। जिस विकास दुबे के एक फरमान पर हजारों की भीड़ जुट जाती थी। उसके पिता को अंत समय चार कंधे भी मिलना नसीब नहीं हो पाया। न तो बहुएं पहुंचीं न ही परिवार जुट सका। जेल में बंद विकास के छोटे भाई दीपू दुबे को भी पेरोल नहीं मिल सकी। खेरेश्वर घाट पर अंत्येष्टि की गई। मुखाग्नि को लेकर भी ऊहापोह की स्थिति रही। बाद में भतीजे ने मुखाग्नि दी।

बिकरू कांड 2 जुलाई 2020 को हुआ था। जिसमें दुर्दांत विकास दुबे ने गोलियों की बौछार कर डिप्टी एसपी समेत आठ पुलिस कर्मियों की हत्या कर दी थी। चार जुलाई को प्रशासन ने बुलडोजर चलाया था। उस समय मकान में विकास दुबे के पिता रामकुमार तख्त पर लेटे थे। उन्हें घर से बाहर निकाला गया। फिर मकान जमींदोज कर दिया गया। पुलिस रामकुमार और उनकी पत्नी सरला को उनके दामाद के घर शिवली भेज आई थी।

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इधर काफी दिनों से बीमारी के चलते वह बिस्तर पर थे। इलाज चल रहा था। सोमवार को उन्होंने शिवली में अंतिम सांस ली। विकास दुबे के पिता के अंतिम समय पर ना तो विकास की पत्नी रिचा आई ना ही जेल में बंद दीपू की पत्नी अंजलि आई। मंझले बेटे अविनाश की पत्नी शिवली पहुंची थी। मंगलवार को राम कुमार का शव बिकरू गांव के जाया गया। जमींदोज हुए मकान में दस मिनट रखा गया।

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गांव के चंद लोग पहुंचे। इसके बाद विकास दुबे के पिता की अंतिम यात्रा शिवराजपुर के खेरेश्वर घाट के लिए चली। रिश्तेदारों के साथ कुछ ग्रामीण भी साथ में गए। अंतिम संस्कार कौन करेगा इस उहापोह में सभी थे। इस बीच मृतक राम कुमार के भतीजे रसूलाबाद निवासी अमित कुमार ने खेरेश्वर घाट पर मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।

छोटे बेटे को नहीं मिली पेरोल

विकास दुबे का छोटा भाई दीपू दुबे लखनऊ जेल में बंद है। वह शिवली के सिद्धेश्वर हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है। बिकरू कांड के बाद भी एक और मामला दर्ज किया गया था। पिता की मौत के बाद अंतिम संस्कार में जाने के लिए पेरोल की करवाई की गई। लेकिन किसी कारण से पेरोल नहीं मिल सकी।

गांव में तैनात रही फोर्स

शिवली कस्बे में विकास दुबे के पिता की मौत के बाद कानपुर देहात की पुलिस शिवली थाने की फोर्स सक्रिय हो गई थी। हर आने जाने वालों पर नजर थी। इसके बाद मंगलवार की सुबह कानपुर जिले के चौबेपुर थाने की फोर्स बिकरू में पहुंच गई थी। विकास के पिता का अंतिम संस्कार होने के बाद पुलिस ने राहत को सांस ली।

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