गुरुग्राम की इस सरकारी जमीन को खाली कराने की तैयारी, 200 मकानों पर चलेगा बुलडोजर
बीते करीब 10 वर्ष पूर्व पर्यटन निगम ने भूमि को खाली कराने की कवायद आरम्भ की थी। किन्तु अदालती दांवपेंच व राजनीतिक दखलंदाजी के चलते भूमि खाली नहीं हो सकी थी। विभाग ने भूमि खाली कराने के लिए कई बार अवैध कब्जाधारियों को नोटिस भी जारी किए थे।

नगर परिषद के वार्ड 13 में अरावली पहाड़ी की तलहटी से लगती हरियाणा टूरिज्म निगम की साढ़े नौ एकड़ जमीन पर बनी अवैध कॉलोनी पर जल्द ही पीला पंजा चलेगा। टूरिज्म निगम की जमीन पर बसी अवैध कॉलोनी में 150 से 200 मकान पक्के व कच्चे बने हैं।
टूरिज्म निगम के स्थानीय अधिकारी उच्चाधिकारियों को पत्र लिखते हुए कॉलोनी को हटाने की मांग की है। पर्यटन निगम की भूमि पर बने अवैध आशियानों पर खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। स्थानीय शहर में पर्यटन निगम की करीब 44 एकड़ भूमि है। जिसमें पर्यटन स्थल के अलावा कई अवैध कालोनियां भी बसी हुई हैं। ऐसी कालोनियों में पहाड़ कालोनी, नट कालोनी आदि शामिल हैं। विभाग की भूमि पर लोगों ने वर्षों से अवैध कब्जे करके अपने मकान, दुकान निर्मित किये हुए हैं। लोग सरकारी भूमि को निजी मानकर उपयोग करने में लगे हैं।
बीते करीब 10 वर्ष पूर्व पर्यटन निगम ने भूमि को खाली कराने की कवायद आरम्भ की थी। किन्तु अदालती दांवपेंच व राजनीतिक दखलंदाजी के चलते भूमि खाली नहीं हो सकी थी। विभाग ने भूमि खाली कराने के लिए कई बार अवैध कब्जाधारियों को नोटिस भी जारी किए थे। पर्यटन निगम ने अपनी कब्जाई गई भूमि को मुक्त कराने के लिए अदालत का सहारा लिया गया था। जहां पर अवैध कॉलोनी में रहने वाले लोगों ने लड़ाई लड़ते हुए अधिवक्ताओं को खड़ा किया, लेकिन अदालत से भी निगम की जमीन पर बैठे कब्जाधारकों को निराशा का सामना करना पड़ा।
कॉलोनीवासियों को एसडीएम की अदालत में सभी निराशा का सामना करना पड़ा और एसडीएम अदालत ने पर्यटन निगम को अपना कब्जा लेने के आदेश जारी कर दिए हैं। पर्यटन विभाग की भूमि पर बसे करीब डेढ़ सौ परिवारों पर विभागीय कार्रवाई किये जाने की तलवार लटकी हुई है। ऐसे लोगों ने वर्षों से अवैध कब्जे किये हुए हैं। जिससे उनके बेघर होने की संभावना है। पर्यटन निगम की अवैध कॉलोनी में रहने वाले नागरिकों को सरकारी विभागों ने ही बढ़ावा देने का काम किया। नगर परिषद, बिजली निगम, जनस्वास्थ्य विभाग आदि ने अपने-अपने दायरे में नागरिकों को देने में कोई संकोच नहीं किया। सभी सरकारी विभाग और निगम की तरफ से विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए।