हम न्याय की राजनीति करते हैं, कौशांबी मामले में केशव प्रसाद का अखिलेश यादव पर पलटवार
कौशांबी मामले को लेकर अखिलेश यादव ने डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक पर एक साथ निशाना साधा तो जवाब भी मिल गया है। केशव प्रसाद ने तत्काल पलटवार किया है।

कौशांबी मामले को लेकर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार किया है। उन्होंने अखिलेश यादव के सोशल मीडिया पर किए गए हमले पर कहा है कि हमारे लिए न कोई अगड़ा है, न पिछड़ा, न दलित, जो कानून तोड़ेगा, उसे सजा मिलेगी, चाहे वो कोई भी हो। उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर सोमवार को लिखा कि अगर पुलिस भी गलती करती है, तो उस पर भी कार्रवाई होगी। उत्तर प्रदेश की 25 करोड़ जनता को न्याय और सुशासन देना हमारा संकल्प है। इसके लिए जातिवादी मानसिकता से ऊपर उठना ज़रूरी है। हम ‘न्याय सभी के लिए, पक्षपात किसी से नहीं’ की नीति पर चलते हैं। यही भाजपा की प्रतिबद्धता है।
केशव प्रसाद ने लिखा कि अखिलेश यादवजी, आप बार-बार समाज को जातियों में बांट कर राजनीति करना चाहते हैं, ताकि अपना वोटबैंक और सपा को सफा होने से बचा सकें। आपको ‘मौर्य’, ‘पाल’, ‘पासी’, ‘दलित’ जैसे समाजों की चिंता नहीं, सिर्फ़ उनके नाम पर सिर्फ़ राजनीति करनी है। आपकी राजनीति का आधार है-जातीय उकसावा और झूठी सहानुभूति लेकिन अब यूपी की जनता जाग चुकी है।
सपा के चाल चरित्र को समझती है। प्रदेश की जनता नफरत की नहीं, विकास की राजनीति चाहती है। आपका जातिवादी एजेंडा नाकाम हो चुका है। सपा डूबता जहाज़ है। उत्तर प्रदेश अब सुशासन की दिशा में आगे बढ़ रहा है और आगे ही बढ़ता रहेगा।
दरअसल यूपी के कौशांबी में पाल समाज की लड़की से रेप का आरोप ब्राह्मण समाज के युवक पर लगा। युवक पर पुलिसिया एक्शन हुआ तो उसके पिता रामबाबू तिवारी की आत्महत्या कर ली। इससे लखनऊ तक की सियासत गर्मा गई। डिप्टी सीएम बृजेश पाठक ने रामबाबू तिवारी के परिवार को न्याय के लिए प्रमुख सचिव गृह को आदेश दे दिया। इसे लेकर अखिलेश यादव ने चुटकी ली।
कौशांबी में दो समाज को लड़वा रहे हैं दोनो डिप्टी सीएम : अखिलेश
इससे पहले समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने कौशांबी की घटना को लेकर दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य व बृजेश पाठक व भाजपा को निशाने पर लिया। अखिलेश ने सोमवार को एक्स पर लंबी पोस्ट में कहा कि भाजपा की अंदरूनी राजनीति की शर्मनाक लड़ाई में, अब कौशांबी में दो भाजपाई उप मुख्यमंत्री, दो समाज के लोगों को आपस में लड़वा रहे हैं।
पहले एक उप मुख्यमंत्री ने नाइंसाफी करते हुए ‘पाल’ समाज के लोगों को मोहरा बनाया, फिर दूसरे उप मुख्यमंत्री ने अपने उस समाज के नाम पर झूठी सहानुभूति दिखाई, जो समाज इन दोनों के ‘ऊपरवालों’ को नहीं भाता है, इसीलिए पीछे से वो भी सक्रिय हो गये, जिनकी पहले वाले उप मुख्यमंत्री से पुरानी खींचातानी है। और फिर इन ऊपरवालों के ऊपरवालों की भी आपस में टकराहट है, इसीलिए केंद्र वाले, कौशांबी की राजनीति करने वालों के साथ खड़े हैं।
कहा कि ध्यान से समझा जाए तो ये भाजपा की अंदर की राजनीति में मचा एक बड़ा घमासान है, जिसमें दो या दो से अधिक समाजों को आपस में भिड़वाकर ‘कौशांबी, लखनऊ, दिल्ली’ की भाजपाई राजनीति अपना वीभत्स खेल-खेल रही है, जिसका शिकार जनता हो रही है।
कौशांबी भाजपा के अन्याय का शिकार है। एक को फंसा कर आत्महत्या पर मजबूर करेंगे तो दूसरे पर इनाम घोषित करवाएंगे। कौशांबी का बच्चा-बच्चा जानता है कि सच क्या है। अब जनता, भाजपा की बंटवारे की इस राजनीति को समझ रही है और समझदारी से इनके ख़िलाफ़ एकजुट हो रही है। यही कारण है कि जहां भी कुछ लोग और समाज भाजपा के विरुद्ध जाते दिखते हैं ये भाजपाई उनके बीच झूठे आरोप-प्रत्यारोप और एफ़आइआर-मुक़दमों की दीवार खड़ी कर देते हैं। ‘शीर्ष भाजपाइयों’ और ‘शिखर भाजपाइयों’ के आपसी झगड़े के कारण, हर वर्ग और समाज बीच में पिस रहा है।