ये कल्लू कौन है? जिसे खोजने के लिए इंजीनियर ने रखा इनाम; 130 जगह चस्पा कराए पोस्टर
इंजीनियर पुष्कर गोयल 9 दिनों से व्यथित हैं। देशी कुत्ते कल्लू के लिए उनकी व्यथा ऐसी है कि उसको ढूंढने वाले को उन्होंने 10 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा तक कर दी है। इसके लिए प्रयागराज शहर भर में उन्होंने 130 स्थानों पर पोस्टर चस्पा कराए हैं।

देशी कुत्ते कल्लू को बंदरों ने ऐसा काटा कि जल निगम के इंजीनियर पुष्कर गोयल नौ दिनों से व्यथित हैं। व्यथा ऐसी कि उसको ढूंढने वाले को उन्होंने दस हजार रुपये इनाम देने की घोषणा तक कर दी है। इसके लिए ना केवल प्रयागराज शहर भर में उन्होंने 130 स्थानों पर पोस्टर चस्पा कराए हैं बल्कि अपने फतेहपुर कार्यालय से छुट्टी लेकर कल्लू को ढूंढने में लगे हैं। इंजीनियर के इस कल्लू प्रेम की खूब चर्चा हो रही है। उधर, इंजीनियर पुष्कर कल्लू को ढूंढने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं।
तीन साल पहले पुष्कर झूंसी के कटका कार्यालय में कार्यरत थे। उनके आने जाने के दौरान कार्यालय के गेट पर कल्लू अक्सर खड़ा हो जाता था। फिर उन्होंने उसे खाना खिलाना शुरू किया। दो-तीन दिनों में ही दोनों के बीच ऐसा लगाव हुआ कि पुष्कर रोजाना घर से खाना लाकर कल्लू को खिलाने लगे।
कुछ दिन पहले वह खाना खिलाने पहुंचे तो कल्लू नहीं दिखा। कल्लू को न पाकर वह परेशान हो गए। उन्होंने आसपास पता किया। लोगों से पता चला कि बंदरों ने उसका पैर बुरी तरह से काट डाला है। कल्लू जख्मी हो गया है। तब इंजीनियर ने कल्लू को ढूंढना शुरू कर दिया। ढूंढते-ढूंढते कल्लू मिला, तब पुष्कर उसे म्योराबाद में रक्षा नामक एनजीओ चलाने वाली वंशिका के पास इलाज के लिए ले गए।
वहां कोई उपचार संभव नहीं हो पाया। तब पुष्कर ने कटरा के पशु चिकित्सक डॉ.एके सिंह से संपर्क किया, जहां ले जाने पर कल्लू के एक पैर में चार इंच का गहरा घाव मिला। चिकित्सक ने इंजेक्शन और पट्टी लगाई। वहां से फिर एनजीओ जाकर उसे देखभाल के लिए छोड़ दिया। दो दिन बाद कल्लू वहां से भाग गया। कल्लू कहां गया किसी को कुछ पता नहीं। पुष्कर ने बताया कि कार्यालय से छुट्टी लेकर उसे ढूंढ रहा हूं। जो भी उसकी जानकारी देगा, उसे दस हजार रुपये इनाम दिया जाएगा।