Pine Needle Waste Transforms into Employment Opportunity in Bageshwar बागेश्वर से 50 कुंतल पिरुल सितारगंज भेजा , Bageshwar Hindi News - Hindustan
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बागेश्वर से 50 कुंतल पिरुल सितारगंज भेजा

बागेश्वर में कूड़े की तरह बिखरे पिरुल ने अब रोजगार का अवसर बना दिया है। 50 कुंतल पिरुल को सितारगंज गन्ना फैक्ट्री में बेचा गया है। 12 महिलाओं ने समूह बनाकर इसे एकत्रित किया और 10 रुपये प्रति किलो के...

Newswrap हिन्दुस्तान, बागेश्वरSat, 31 May 2025 05:47 PM
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बागेश्वर से 50 कुंतल पिरुल सितारगंज भेजा

जंगल में कूड़े की तरह बिखरा हुआ पिरुल अब रोजगार देने लगा है। जिले से 50 कुंतल पिरुल की खेप सितारगंज गन्ना फैक्ट्री में बेचा गया हैं। अब लगातार यहां से पिरुल जाएगा। पहली खेप में 12 महिलाएं लाभान्वित हुई हैं। दस रुपये प्रतिकिलो के हिसाब से महिलाओं ने घर में ही रोजगार पा लिया है। पिरुल की बिक्री होने से जंगल भी आग की घटनाएं भी कम होंगी। बागेश्वर जनपद का भौगोलिक क्षेत्रफल 2,246 वर्ग किमी एवं वन क्षेत्रफल 659.30 वर्ग किमी है। यहां चीड़ का वन सबसे अधिक है। इसके अलावा मिश्रित वन है। गर्मी के सीजन में चीड़ के पेड़ों से गिरने वाला पिरुल जंगल की आग में पेट्रोल का काम कर रहा है।

इस कारण हर साल वनाग्नि की घटनाएं बढ़ रही हैं। इससे बचने के लिए वन विभाग ने पिरुल बेचने का निर्णय लिया। महिला समूह दस रुपये किलो के हिसाब से पिरुल बेच रहे हैं। पहली बार 50 कुंतल पिरुल सितारगंज गन्ना फैक्ट्री में भेजा गया है। यदि इस पिरुल का उपयोग गन्ना फैक्ट्री में सफल हो गया तो आने वाले समय में वन विभाग के लिए सिर दर्द बना पिरुल रोजगार का जरिया बनेगा। बागेश्वर रेंज के अमसरकोट क्षेत्र की 12 महिलाओं ने समूह बनाकर 50 कुंतल पिरुल एकत्रित किया। इसे वन विभाग की मदद से बेचा गया। इधर वन क्षेत्रधिकारी एसएस करायत ने बताया कि पहली बार बागेश्वर से दस रुपये प्रति किलो के हिसाब से 50 कुंतल पिरुल सितारगंज गन्ना फैक्ट्री में भेजा गया है। चैकडेम के अलावा बनेगा चीड़ के पत्तों से बायोफ्यूल चीड़ की पत्तों से बिजली उत्पादन से लेकर चेकडैम बनाने की बात सरकार लगातार करती है, लेकिन अब बायोफ्यूल बनाने में भी पिरुल का उपयोग हो रहा है। यदि इसी तरह इसका उपयोग बढ़ा तो आने वाले समय में कूड़ा समझा जाने वाला पिरुल सोना साबित होगा।

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