बृजनगर-सूखीढांग में पीने के पानी का संकट गहराया
चम्पावत में पर्यटन सीजन के दौरान पर्यटकों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ रहा है। श्यामलाताल में स्थापित पानी की योजनाएं विफल हो गई हैं, जिससे श्रद्धालुओं को पानी के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है।...

चम्पावत। पर्यटन सीजन में जहां एक ओर आदि कैलाश एवं मीठे रीठे के चमत्कार के लिए प्रसिद्ध गुरुद्वारा रीठासाहिब जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। वहीं चम्पावत के प्रथम पर्यटन हिल स्टेशन बृजनगर-सूखीढांग श्यामलाताल में पर्यटक भयंकर पेयजल संकट से जूझ रहे हैं। स्थानीय नागरिकों का कहना है कि करोड़ों रुपए की श्यामलाताल कांडा बृजनगर पंम्पिग योजना, दौगाड बृजनगर पेयजल योजना, जल जीवन मिशन के अंतर्गत बनी सूखीढांग बृजनगर पम्पिंग योजना नाकाम साबित हो रही हैं। भ्रष्टाचार एवं घटिया गुणवत्ता की भेंट चढ़ी योजनाओं में घर घर नल तो लगा दिए, लेकिन जल की एक बूंद नहीं टपकी हैं।
सुखीढांग बृजनगर पंपिंग योजना में जुगाड से पाइप लाइन लगा दी है। कहीं रबर के पाइप हवा में झूल रहे हैं। लाइन ओपन होने से गर्मी से एअर भर जा रही है जिससे पेयजल आपूर्ति ठप्प हो जाती है। सुलभ शौचालय में एक बूंद नही होने से पांच सौ मीटर दूर से बाल्टी में पानी लाकर पर्यटक स्वयं पानी की व्यवस्था करने को मजबूर हैं। अभी तक जल संस्थान की ओर से टैंकर की कोई ब्यवस्था नहीं की है। रीठासाहिब जाने वाले सिक्ख तीर्थ यात्रियों के लिए नानकपुरी टांडा की ओर से लंगर शुरू हो गया है। लेकिन पेयजल उपलब्ध नहीं होने से भारी दिक्कतें आ रही हैं। चल्थी नदी से टैंकर से पानी लाना पड़ रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत शौचालय में पानी नहीं होने से आ रही है। तल्ला पाल विलौन संघर्ष समिति के संयोजक पंडित शंकर जोशी और स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिषद चम्पावत के जिलाध्यक्ष महेश चौड़ाकोटी ने शीघ्र पेयजल लाइन दुरस्त कर पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित न होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है। इधर, जल संस्थान के ईई विलाल यूनूस का कहना है कि पेयजल लाइन को ठीक कराया जा रहा है।
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