देहरादून के घने जंगल के बीच किसने खरीद ली 40 बीघा जमीन? लोगों ने मचा दिया हंगामा
राजस्व विभाग से रिकॉर्ड मांगा गया है। उसके बाद ही पता चल सकेगा कि जमीन किसकी है। पिछले दो-तीन दिन से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था। जिसमें बताया गया था कि खलंगा में कुछ लोग रिजर्व फॉरेस्ट में कब्जा कर निर्माण कर रहे हैं।

देहरादून के खलंगा में वन भूमि पर कब्जे के आरोप में शनिवार को विभिन्न संगठनों से जुड़े लोगों ने हंगामा किया। लोगों ने वहां साल के जंगल के बीच में कब्जे के लिए की जा रही फेंसिंग के पिलर उखाड़ दिए। साथ ही वहां लगाया जा रहा गेट भी तोड़ डाला। लोगों का आरोप है कि एक बड़े नेता की शह पर वहां चालीस बीघा जमीन पर रिजॉर्ट बनाने का प्रयास किया जा रहा है।
सूचना के बाद मौके पर पहुंचे डीएफओ मसूरी अमित कंवर ने लोगों को शांत करवाते हुए मामले में वन व राजस्व के संयुक्त सर्वे के आदेश दिए हैं। वहां पेड़ काटने वालों के खिलाफ मुकदमे के साथ ही विभागीय अधिकारी-कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच बैठा दी है। डीएफओ का कहना है कि प्रथम दृष्टया जमीन रिजर्व फॉरेस्ट के बजाय निजी भूमि होने की बात सामने आई है।
राजस्व विभाग से रिकॉर्ड मांगा गया है। उसके बाद ही पता चल सकेगा कि जमीन किसकी है। पिछले दो-तीन दिन से सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा था। जिसमें बताया गया था कि खलंगा में कुछ लोग रिजर्व फॉरेस्ट में कब्जा कर निर्माण कर रहे हैं। शनिवार को बड़ी संख्या में लोग सुबह करीब 11 बजे वहां विरोध करने पहुंच गए। इन्होंने वहां हंगामा किया और पिलर के साथ गेट भी उखाड़ दिया। विरोध करने वालों में सुशील त्यागी, जया सिंह,ईरा चौहान,आशीष गर्ग, अवधेश शर्मा,प्रद्युमन सिंह, पंकज उनियाल, परमजीत सिंह कक्कड़, कैप्टन वाईबी थापा,कैप्टन विक्रम सिंह थापा,मनीषा रतूड़ी, दीपशिखा आदि मौजूद रहे।
भूकानून संघर्ष समिति के संयोजक मोहित डिमरी के अनुसार स्थानीय लोगों का कहना है कि दो दिन पूर्व खलंगा में एक बड़े नेता को कुछ लोगों के साथ देखा गया था। आरोप है कि उनकी ही शह पर यहां रिजॉर्ट बनाने का काम शुरू हुआ था। बताया जा रहा है कि ये जमीन करीब 12 साल पहले किसी ने खरीदी थी और फिर लीज पर दे दी थी।
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