एसटीएच के अतिरिक्त उपनल कर्मी अन्य मेडिकल कॉलेज भेजे जाएंगे
हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल के उपनल कर्मियों का कार्यबहिष्कार पांचवे दिन भी जारी रहा। चिकित्सा शिक्षा निदेशक ने अतिरिक्त कर्मचारियों को अन्य कॉलेज में ट्रांसफर करने के आदेश दिए हैं। कर्मचारियों...

हल्द्वानी। वेतन नहीं मिलने से परेशान डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल (एसटीएच) के उपनल कर्मियों का कार्यबहिष्कार पांचवें दिन शुक्रवार को भी जारी रहा। इधर चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक ने मेडिकल कॉलेज हल्द्वानी के प्राचार्य को एसटीएच के अतिरिक्त उपनल कर्मचारियों को अन्य मेडिकल कॉलेज में ट्रांसफर करने के आदेश जारी कर दिए हैं। निदेशक के आदेश से उपनल कर्मी सकते में आ गए हैं। शुक्रवार को भी कर्मचारियों ने सुबह 10 बजे से 12 बजे तक कार्यबहिष्कार किया। जिसके चलते उपचार को पहुंचे मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ा। सुबह कुछ लोगों की पर्ची बनी और बिल भी काटे गए, पर 10 बजे से 12 बजे तक सभी कर्मी कार्यबहिष्कार कर गेट के सामने धरने पर बैठ गए।
12 बजे बाद काम पर लौटे। उनका कहना है कि जब तक उन्हें वेतन नहीं मिलेगा कार्यबहिष्कार जारी रहेगा। इधर दोपहर में चिकित्सा शिक्षा निदेशक डॉ.आशुतोष सयाना का मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य को लिखा पत्र कर्मचारियों के व्हाट्सएप ग्रुप में घूमने लगा। पत्र में कहा गया है कि 20 से 22 साल से उपनल कर्मी एसटीएच व मेडिकल कॉलेज में अपने कार्य का निर्वहन कर रहे हैं। लेकिन पदों के स्वीकृत नहीं होने के चलते 4 माह से वेतन का भुगतान नहीं हुआ है। अब वरिष्ठता के आधार पर संस्थान में रिक्त पदों के सापेक्ष वेतन भुगतान किए जाने व शेष कर्मियों को अन्य मेडिकल कॉलेज में समायोजित करने के लिए विकल्प पत्र देने को कहा है ताकि इनके वेतन देने की कार्रवाई शुरू की जा सके। मामले में प्राचार्य डॉ. अरुण जोशी का कहना है कि हमारा पहली कोशिश यह है कि सभी कर्मचारियों को उनका वेतन दिया जाए इसके बाद शासन के जो भी निर्देश होंगे उन्हें लागू किया जाएगा। कर्मचारियों के हितों पर यह कुठाराघात का प्रयास हल्द्वानी। निदेशक डॉ. आशुतोष सयाना के आदेश से एसटीएच के सभी 659 कर्मचारियों में रोष है। वेतन नहीं मिलने के चलते परिवार के लिए भोजन जुटाने की दिक्कत झेल रहे कर्मचारियों को इस आदेश ने बुरी तरह से निराश किया है। कर्मचारियों ने इसे उनके हितों पर कुठाराघात बताया है। कर्मचारी इस आदेश के खिलाफ एकजुट होकर विरोध करने की तैयारी में हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग भी यह मानता है कि हम 20 साल से ज्यादा समय से एसटीएच व मेडिकल कॉलेज में सेवाएं दे रहे हैं। मेडिकल कॉलेज व एसटीएच का लगातार विस्तार हो रहा है। ऐसे में कर्मचारियों की नई भर्ती करने की जगह उन्हें अन्य मेडिकल कॉलेज में भेजने की बात कहना सीधे-सीधे कर्मचारियों के पेट पर लात मारने के समान है। एसडी बुधानी, उपलन कर्मी, एसटीएच कोर्ट ने हमारे पक्ष में कई फैसले दिए हैं। उन्हें लागू कराने की जगह अब उपनल कर्मियों को हटाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उपलन कर्मी एसटीएच की रीढ़ हैं और लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। दूसरी जगह ट्रांसफर करने के आदेश उनके साथ ज्यादती है। नीरज हेड़िया, उपनल कर्मी एसटीएच कई साल से हम अपनी सेवाएं दे रहे हैं। हमें मामूली वेतन मिलता है वह भी इस बार 4 माह से नहीं मिला है। वेतन की मांग कर रहे हैं तो अन्य जगह शिफ्ट करने का पत्र जारी किया जा रहा है। इस तरह की कोशिशें उपनल कर्मियों को एसटीएच के बाहर करने की है जिससे सभी कर्मचारियों में रोष है। तेजा सिंह. उपनल कर्मी, एसटीएच उपनल कर्मी कई साल से अपनी सेवाएं दे रहे हैं। उन्हें नियमित करने की जगह सैलरी तक समय तक नहीं दी जा रही है। कोर्ट द्वारा दिए फैसले को लागू कराने की जगह हमें ट्रांसफर करने की बात हो रही है। जिससे कर्मचारियों में रोष है। पूरन भट्ट, उपनल कर्मी, एचटीएच
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