शोध में वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया
हरिद्वार, संवाददाता। शोध में वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दियाशोध में वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दियाशोध में वस्तु

गुरुकुल कांगड़ी विवि में गुरुवार को आयोजित गोष्ठी में मुख्य अतिथि डॉ. जयदेव वेदालंकार ने शोध के नवीन आयामों पर प्रकाश डाला। उन्होंने शोध में वस्तुनिष्ठ दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया। बताया कि किस प्रकार प्राच्यविद्या के क्षेत्र में आधुनिक अनुसंधान पद्धतियों का समावेश कर अधिक प्रभावी शोध किया जा सकता है। विशिष्ट अतिथि स्वतंत्रता सेनानी एवं पूर्व प्रो. भारत भूषण ने प्राच्यविद्या और मानविकी में शोध की महत्ता पर प्रकाश डाला। कहा कि शोधार्थियों को भारतीय ज्ञान परंपरा के संरक्षण और प्रसार के लिए नवीन शोध विधियों का समावेश करना चाहिए। अध्यक्षता कर कुलपति प्रो. हेमलता कृष्णमूर्ति ने प्राच्य विद्या और मानविकी में शोध की वर्तमान चुनौतियों और संभावनाओं पर चर्चा की और विद्यार्थियों को गुणात्मक शोध के लिए प्रेरित किया।
कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने कहा कि शोध के क्षेत्र में गुरुकुल कांगड़ी का गौरवशाली इतिहास रहा है।
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