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बिना इजाजत महिलाओं की निगरानी, डराते हैं वन रेंजर्स; जिम कॉर्बेट पार्क की स्टडी में खुलासे

कॉर्बेट नेशनल पार्क को लेकर एक स्टडी सामने आई है जिसमें चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। स्टडी के अनुसार, नेशनल पार्क में जानवरों की निगरानी जैसे संरक्षण कार्यों के लिए लगाए गए कैमरों और ड्रोनों का स्थानीय सरकारी अधिकारी और पुरुष जानबूझकर महिलाओं की निगरानी के लिए कर रहे हैं।

Sneha Baluni देहरादून। पीटीआईFri, 29 Nov 2024 01:29 PM
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बिना इजाजत महिलाओं की निगरानी, डराते हैं वन रेंजर्स; जिम कॉर्बेट पार्क की स्टडी में खुलासे

कॉर्बेट नेशनल पार्क को लेकर एक स्टडी सामने आई है जिसमें चौंकाने वाले खुलासे किए गए हैं। स्टडी के अनुसार, नेशनल पार्क में जानवरों की निगरानी जैसे संरक्षण कार्यों के लिए लगाए गए कैमरों और ड्रोनों का स्थानीय सरकारी अधिकारी और पुरुष जानबूझकर महिलाओं की निगरानी के लिए कर रहे हैं। यह निगरानी महिलाओं की सहमति के बिना की जाती है।

एनवायरनमेंट एंड प्लानिंग एफ नामक पत्रिका में प्रकाशित स्टडी से पता चला है कि वन रेंजरों ने स्थानीय महिलाओं को डराने और प्राकृतिक संसाधनों को इकट्ठा करने से रोकने के लिए जानबूझकर उनके ऊपर ड्रोन उड़ाए, जबकि ऐसा करने का उनके पास कानूनी अधिकार है। ब्रिटेन के कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी के रिसर्चर्स ने उत्तराखंड के कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के आसपास के कुल 270 लोगों, जिनमें महिलाएं भी शामिल थीं, का 14 महीनों तक इंटरव्यू लिया।

लेखकों ने रिसर्च में लिखा है, 'हमारा तर्क है कि वन प्रशासन के लिए डिजिटल तकनीकों का उपयोग, जैसे कैमरा ट्रैप और ड्रोन, इन जंगलों को मस्कुलिनिटी (पुरुष प्रधान) स्थानों में बदल देते हैं, जो समाज की पितृसत्तात्मक नजर से जंगल को देखती है।' रिसर्चर और मुख्य लेखक त्रिशांत सिमलाई ने बताया कि महिलाओं ने, जिन्होंने अपने पुरुष-प्रधान गांवों से दूर जंगल में शरण ली थी, उन्होंने बताया कि वे कैमरा ट्रैप द्वारा निगरानी से संकुचित महसूस करती हैं, इसी कारण वे बहुत ज्यादा धीरे बात करती हैं।

नेशनल पार्क महिलाओं जिसे महिलाओं को राहत देने के लिए जाना जाता है, क्योंकि वहां उन्हें आसानी से जलाऊ लकड़ी मिल जाती है। इसके अलावा वे हिंसा और शराब जैसी परिस्थितियों से बचने के लिए लंबा समय यहां बिताती हैं। वे अक्सर यहां अपने अनुभव, कहानियां शेयर करती हैं और पारंपरिक गीतों के जरिए खुद को अभिव्यक्त करती हैं। महिलाओं ने सिमलाई को बताया कि वन्यजीव निगरानी परियोजनाओं की आड़ में लगाई नई सर्विलांस तकनीकों का इस्तेमाल उन्हें डराने और उन पर अपनी शक्ति का प्रयोग करने के लिए किया जा रहा है। बेवजह उनपर नजर रखी जा रही है।

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