द्रोणासागर की भूमि पर कब्जे का आरोप
श्रीडमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपा, जिसमें काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) अध्यक्ष पर सरकारी भूमि पर फर्जी कब्जा करने का आरोप लगाया गया है। ट्रस्ट का कहना है कि केडीएफ...

एसडीएम को ज्ञापन श्रीडमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट ने केडीएफ अध्यक्ष पर आरोप लगाया काशीपुर। तीर्थ स्थल द्रोणासागर की भूमि पर धोखाधड़ी और कब्जे के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग श्रीडमरू वाले बाबा मंदिर सेवा ट्रस्ट ने की। इस बाबत ट्रस्ट ने एसडीएम कार्यालय को ज्ञापन सौंपा। ट्रस्ट ने आरोप लगाया कि काशीपुर डेवलपमेंट फोरम (केडीएफ) अध्यक्ष ने सरकारी भूमि पर फर्जी तरीके से कब्जा कर निर्माण करा लिया है। सोमवार को एसडीएम कार्यालय में सौंपे ज्ञापन में ट्रस्ट ने कहा कि 9 जुलाई 2021 को केडीएफ के नाम एक रजिस्ट्री कराई गई थी। रजिस्ट्री में खसरा संख्या 70 मिन की भूमि दिखाई गई, जो शम्भूनाथ की निजी भूमि है।
आरोप है कि केडीएफ अध्यक्ष ने धोखाधड़ी करते हुए पास की सरकारी भूमि खसरा संख्या 69 मिन, जो कि तीर्थ स्थल द्रोणासागर का हिस्सा है, पर कब्जा कर लिया। ट्रस्ट के अनुसार, दानदाता ने रजिस्ट्री में जिस स्थान की तस्वीरें पेश कीं हैं, वह भूमि खसरा नं. 70 मिन की न होकर सरकारी भूमि 69 मिन की थीं। आरोप है कि केडीएफ अध्यक्ष ने इस भूमि पर बिना किसी शासन की अनुमति के कार्यालय और पक्की दीवार का निर्माण करा लिया है, जो गोविषाण टीले से 100 मीटर अंदर है। यहां संस्थापक अजय कुमार चौहान, अध्यक्ष अक्षय कुमार नायक, उपाध्यक्ष विजय चौहान, सचिव विजेंद्र सिंह चौहान और कोषाध्यक्ष विशाल गुप्ता शामिल रहे। जो शिकायत कर रहे हैं उन्होंने मंदिर पर कब्जा कर रखा है। जो चढ़ावा आता है उसका दुरुपयोग कर रहे हैं। गैरकानूनी काम करते हैं। हमारे आने से रोक-टोक हो रही है। इसलिये वह हमारे खिलाफ लगे रहते हैं। अवैध कब्जा राजस्व विभाग देखेगा। उन्होंने शिकायत की है उसकी जांच होगी। हमारा कोई कब्जा नहीं है। - राजीव घई, अध्यक्ष केडीएफ।
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