Water Crisis Deepens in Dudharkhal Block Villagers Struggle for Water Supply दुधारखाल के गांवों में गहराया पेयजल संकट, Kotdwar Hindi News - Hindustan
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दुधारखाल के गांवों में गहराया पेयजल संकट

जयहरीखाल विकासखंड के दुधारखाल कस्बे और आसपास के गांवों में पिछले एक पखवाड़े से पेयजल संकट बढ़ गया है। ग्रामीणों का आरोप है कि जल संस्थान और जल निगम के बीच खींचतान के कारण पानी की आपूर्ति बाधित हो गई...

Newswrap हिन्दुस्तान, कोटद्वारFri, 13 June 2025 03:35 PM
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दुधारखाल के गांवों में गहराया पेयजल संकट

जयहरीखाल विकासखंड के दुधारखाल कस्बे समेत समीपवर्ती दर्जनभर गांवों में पिछले एक पखवाड़े से पेयजल संकट गहराया हुआ है। ग्रामीण प्राकृतिक पेयजल स्रोतों से सिर पर पानी ढोने को मजबूर हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि पेयजल योजना के स्रोत में पर्याप्त पानी है, लेकिन जल संस्थान एवं जल निगम की आपसी खींचतान और अनियमित वितरण के कारण उन्हें पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। ग्रामीण जवाहर खंतवाल, नामदेव भट्ट, सुशील कुमार, संजय कुमार, अनिल धस्माना आदि ने बताया कि दुधारखाल क्षेत्र में पेयजल आपूर्ति के लिए मौली पेयजल योजना बनाई गई है। वर्तमान में स्रोत में पर्याप्त पानी उपलब्ध है।

लेकिन अनियमित वितरण के कारण क्षेत्र के एक दर्जन से अधिक गांवों को पेयजल संकट से जूझना पड़ रहा है। बताया कि वर्ष 2024 तक मौली पेयजल योजना का रखरखाव जल संस्थान कोटद्वार की ओर से किया जाता था, लेकिन अब यह योजना जल निगम कोटद्वार के अंतर्गत है। ग्रामीणों का कहना है कि जल संस्थान कोटद्वार और जल निगम कोटद्वार के अधिकारी मामले में स्पष्ट जवाब न देकर पेयजल संकट के लिए गोलमोल जवाब दे रहे हैं। स्थिति यह है कि दुधारखाल कस्बे समेत क्षेत्र के तोली, मौली पास्ता, कोटा मल्ला, कोटा तल्ला, बबीना, धंधोली, मोलखंडी समेत दर्जन भर गांवों में एक पखवाड़े से पेयजल आपूर्ति ठप पड़ी हुई है। ग्रामीणों ने चंदा एकत्रित कर लाइन की मरम्मत कर जलापूर्ति सुचारु रखने की कोशिश की, लेकिन ग्रामीणों का प्रयास नाकाफी साबित हुआ। ग्रामीण गांव के निकट स्थित हैंडपंपों, पेयजल स्रोतों से पानी एकत्रित कर किसी तरह स्वयं और मवेशियों के लिए पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। दुधारखाल कस्बे में लगभग 25 पेयजल संयोजन के अलावा पुलिस चौकी, इंटर कालेज, प्राथमिक विद्यालय, एसबीआई, डीसीबी का मिनी बैंक, उपडाकघर, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पशु चिकित्सालय भी मौजूद हैं। पेयजल आपूर्ति ठप होने से उक्त सभी सरकारी संस्थानों को भी भारी समस्या झेलनी पड़ रही है। ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें पता ही नहीं चल पा रहा है कि उनकी पेयजल योजना का रखरखाव कौन सा विभाग कर रहा है। इनका कहना है.. इस संबध में अधिशासी अभियंता पेयजल निगम द्वितीय शाखा के अधिशासी अभियंता अजय बेलवाल ने बताया कि मौली पेयजल योजना जल निगम के पास नहीं है। जल संस्थान के साथ ही विभाग के उच्चाधिकारियों से समन्वय स्थापित कर पेयजल योजना की मरम्मत करा पेयजल आपूर्ति सुचारु करने के प्रयास किए जाएंगे।

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