Former President Kovind Advocates Unity in Diversity at National Interfaith Coordination Meeting विविधता में निहित है भारत की ताकत: रामनाथ कोविंद, Rishikesh Hindi News - Hindustan
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विविधता में निहित है भारत की ताकत: रामनाथ कोविंद

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ऋषिकेश में आयोजित राष्ट्रीय बहुधर्मी समन्वय समिति की बैठक में कहा कि भारत की ताकत इसकी विविधता में है। उन्होंने सामाजिक समरसता को बढ़ावा देने और स्वास्थ्य, पोषण,...

Newswrap हिन्दुस्तान, रिषिकेषFri, 30 May 2025 05:08 PM
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विविधता में निहित है भारत की ताकत: रामनाथ कोविंद

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत की ताकत इसकी विविधता में निहित है। विभिन्न धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों का समन्वय ही हमें विश्व के सामने एक अनूठा और अद्भुत बनाता है। आगे भी हमें इस समरसता को और मजबूत बनाना है। ताकि प्रत्येक नागरिक को न्याय, समानता और विकास के अवसर मिल सकें। यह बातें उन्होंने शुक्रवार को परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश में आयोजित राष्ट्रीय बहुधर्मी समन्वय समिति की बैठक को संबोधित करते हुए कही। पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद इन दिनों परमार्थ निकेतन की यात्रा पर हैं। शुक्रवार को उन्होंने परमार्थ निकेतन में स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, बाल संरक्षण और शिक्षा पर गहन चिंतन के लिए आयोजित राष्ट्रीय बहुधर्मी समन्वय समिति की बैठक में शिरकत की।

पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि राष्ट्रीय बहुधर्मी समन्वय समिति इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है, जो देश के सामाजिक ताने-बाने को और अधिक सशक्त बनाएगी। इस कार्यक्रम के माध्यम से बहुधर्मी, बहुसांस्कृतिक समाज में सामाजिक समरसता को प्रोत्साहित करते हुए स्वास्थ्य, पोषण, स्वच्छता, बाल संरक्षण एवं शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर गहन विचार-विमर्श किया गया और एक बहुधर्मी संगठन समिति का गठन भी किया गया। कहा कि भारत की संस्कृति की सबसे बड़ी विशेषता है यहां की ‘अनेकता में एकता। धर्म, भाषा, वेशभूषा, रीति-रिवाजों की विविधता के बावजूद हमारा देश एकजुट है और यही इसकी सबसे बड़ी ताकत है। बैठक में भारत के विभिन्न धर्मों के धर्मगुरुओं और आध्यात्मिक पृष्ठभूमि के प्रतिनिधियों ने सहभाग किया। इसके बाद उन्होंने धर्मगुरुओं, धार्मिक संगठनों के प्रमुखों और यूनिसेफ के प्रतिनिधियों संग परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती से भेंटवार्ता की। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने कहा कि धर्म केवल आध्यात्मिक अभ्यास नहीं, बल्कि सामाजिक जिम्मेदारी का भी मार्ग जब हम सभी धर्मों के प्रतिनिधि मिलकर समाज सेवा के लिए कार्य करते हैं, तब न केवल धार्मिक सौहार्द बढ़ता है, बल्कि समाज की समग्र प्रगति भी सुनिश्चित होती है। इस दौरान स्वामी चिदानंद सरस्वती ने पूर्व राष्ट्रपति को रुद्राक्ष का पौधा भी भेंट किया।

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