bear attacks humans due to lack of sleep become aggressive due to less snowfall कम बर्फबारी से आक्रामक हुए भालू, नींद की कमी से इंसानों पर कर रहे हमला, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
Hindi Newsउत्तराखंड न्यूज़bear attacks humans due to lack of sleep become aggressive due to less snowfall

कम बर्फबारी से आक्रामक हुए भालू, नींद की कमी से इंसानों पर कर रहे हमला

सर्दियों में इंसान और भालुओं के बीच संघर्ष की घटनाओं से वन्यजीव विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में दिसंबर से बर्फबारी शुरू हो जाती थी। मौसम में बदलाव देखने को मिला।

Himanshu Kumar Lall हल्द्वानी। राजू वर्मा, Wed, 17 Jan 2024 10:42 AM
share Share
Follow Us on
कम बर्फबारी से आक्रामक हुए भालू, नींद की कमी से इंसानों पर कर रहे हमला

उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में कम बर्फबारी होने का असर जंगलों में शांत रहने वाले भालू के स्वभाव पर भी पड़ रहा है। अधिक ठंड होने पर शीतनिद्रा में जाने वाले भालू इन दिनों चिड़चिड़े होकर लोगों पर हमले कर रहे हैं। बीते 15 दिनों में नैनीताल समेत उत्तराखंड में भालू के हमलों की चार घटनाएं सामने आई हैं।

सर्दियों में इंसान और भालुओं के बीच संघर्ष की घटनाओं से वन्यजीव विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। राज्य के पर्वतीय क्षेत्रों में दिसंबर से बर्फबारी शुरू हो जाती थी, लेकिन बीते कुछ वर्षों से मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है। इस साल भी अब तक कई जगहों पर बर्फबारी नहीं हुई है।

इसका असर मानव जीवन के साथ ही वन्यजीवों के रहन-सहन और उनके व्यवहार पर देखने को मिल रहा है। वाइल्डलाइफ पर वर्ष 2003 में पीएचडी कर चुके कॉर्बेट फाउंडेशन के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. हरेंद्र बर्गली के अनुसार, इस बार बर्फबारी में कमी से भालुओं की शीतनिद्रा प्रभावित हो रही है।

इस वजह से भालू हमलावर हो रहे हैं। उनके अनुसार, जंगल में रहने वाले भालू की उम्र 12 से 15 साल और चिड़ियाघर में 20 साल तक मानी जाती है। तीन साल का भालू हमलावर हो सकता है। जंगलों में मानवीय हस्तक्षेप बढ़ने से भी भालू हमलावर हो रहे हैं।

मादा भालू बच्चों पर खतरा होने की स्थिति में हमला करती है। 25 प्रतिशत हमले बढ़े बर्गली ने बताया कि हिमाचल और जम्मू-कश्मीर में भालुओं के हमलों पर शोध किया जा चुका है। वहां बीते तीन सालों में भालुओं के हमलों में 25 प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

काला भालू खतरनाक
विशेषज्ञों के अनुसार, उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्रों के जंगलों में स्लॉथ बियर, पहाड़ी इलाकों में काला भालू व बर्फबारी वाले स्थानों पर भूरे भालू पाए जाते हैं। काला भालू सबसे खतरनाक माना जाता है। बर्फबारी अधिक होने पर भालू शरीर की ऊर्जा बचाने को शीतनिद्रा में चले जाते हैं।

जंगल के आसपास मानवीय हस्तक्षेप होने और बदलते परिवेश के चलते जानवरों का व्यवहार बदल रहा है। भालू बर्फबारी होते ही शीत निद्रा में चला जाता है। इन दिनों भालुओं के हमले चिंता का विषय हैं। -
दिगंत नायक, डीएफओ, रामनगर
 

लेटेस्ट   Hindi News ,    बॉलीवुड न्यूज,   बिजनेस न्यूज,   टेक ,   ऑटो,   करियर , और   राशिफल, पढ़ने के लिए Live Hindustan App डाउनलोड करें।