देवप्रयाग में मूल निवास भू-कानून संघर्ष का नया लोगो जारी
उत्तराखंड में मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति ने देवप्रयाग के संगम स्थल पर अपने नए प्रतीक चिन्ह का अनावरण किया। यह लोगो राज्य की सांस्कृतिक विविधता और भौगोलिक स्वरूप को दर्शाता है, जिसमें केदारनाथ की...

उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान को समर्पित एक ऐतिहासिक पल में यहां मूल निवास भू-कानून संघर्ष समिति ने देवप्रयाग के पावन संगम स्थल पर अपने नए प्रतीक चिन्ह (लोगो) का भव्य अनावरण किया। उत्तराखंड की समृद्ध विरासत, भौगोलिक विविधता और जनभावनाओं को प्रतिबिंबित करते लोगो में केदारनाथ धाम की पवित्र छवि को शामिल किया गया है। जो राज्य की आध्यात्मिक आधारशिला को दर्शाता है। इसमें राज्य के भौगोलिक स्वरूप को दर्शाया गया है, जो किसी एक क्षेत्र या समुदाय तक सीमित नहीं, बल्कि सम्पूर्ण उत्तराखंड की एकता को प्रस्तुत करता है। विभिन्न रंगों का उपयोग राज्य की प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक विविधता और समिति के मूल उद्देश्यों के अनुरूप किया गया है।
इस अवसर पर समिति सयोजक लुशन टोडरिया व अन्य पदाधिकारियों ने कहा कि, यह लोगो उत्तराखंड के मूल निवासियों के अधिकारों, सांस्कृतिक गौरव व भूमि संरक्षण के संघर्ष को एक नई पहचान देगा। कहा कि, देवप्रयाग, जहांभागीरथी-लकनंदा का संगम होता है व विश्व प्रसिद्ध गंगा नाम की शुरुआत होती है, इसके लिए सबसे उपयुक्त स्थल है। यह स्थान धार्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यह पल उत्तराखंड की सांस्कृतिक चेतना और जनआंदोलनों की दिशा में एक नया अध्याय जोड़ती है। समिति का यह कदम राज्य के मूल निवासियों के हितों को राष्ट्रीय स्तर पर उजागर करने की दिशा में एक सशक्त प्रयास माना जा रहा है।
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