कार्यशाला में वनाग्नि रोकने के उपाय बताए
नई टिहरी, संवाददाता। अपर प्रमुख वन संरक्षक (वनाग्नि व आपदा प्रबंधन) निशांत वर्मा की अध्यक्षता में गजा में वनाग्नि रोकथाम, नियंत्रण और पिरूल एकत्रीकरण

अपर प्रमुख वन संरक्षक (वनाग्नि व आपदा प्रबंधन) निशांत वर्मा की अध्यक्षता में गजा में वनाग्नि रोकथाम, नियंत्रण और पिरुल एकत्रीकरण को लेकर कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमें विभागीय कार्मिकों और स्थानीय लोगों ने प्रतिभाग किया। कार्यशाला में बढ़ते तापमान और वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए आधुनिक उपायों की जानकारी दी गई। टिहरी वन प्रभाग के अंतर्गत गजा में आयोजित कार्यशाला में अपर प्रमुख वन संरक्षक वर्मा ने क्षेत्र में स्थानीय ग्रामीणों की सक्रियता को देखते हुए टिहरी और नरेंद्रनगर वन प्रभाग में 5-5 कलेक्शन सेंटर बढ़ाने के निर्देश दिए। कहा कि पिरुल एकत्रीकरण स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से की जाए और उन्हें शासन की ओर से स्वीकृत 10 रुपये प्रति किलो का भाव मिलेगा।
पिरुल को तोलने की व्यवस्था भी कलेक्शन सेंटर पर होगी। डीएफओ टिहरी पुनीत तोमर ने बताया कि उनके डिविजन में 52 फायर क्रू-स्टेशन बनाए हैं। जिसमें 210 फायर वाचरों की तैनाती की गई है। स्टेशनों पर आवश्यक सुरक्षा उपकरणों, फायर वाचरों के लिए गुड़-चना, पानी आदि पोषण सामग्री भी रखी है। जिलेभर में अब तक 208 जन जागरूकता गोष्ठी कराई गई है। वनाग्नि नियंत्रण के लिए मॉक अभ्यास भी कराया है। अपर प्रमुख वन संरक्षक ने पिरूल के प्रभावी प्रबंधन पर भी जोर दिया। टिहरी वन प्रभाग में जन सहभागिता को बढ़ावा देने के लिए 20 वनाग्नि सुरक्षा प्रबंधन समितियां बनाई हैं। हेल्पलाइन नंबर 1926 की जानकारी भी दी गई। इसके बाद उन्होंने नई टिहरी स्थित मास्टर कंट्रोल रूम का भी निरीक्षण किया। इस मौके पर डीएफओ नरेंद्रनगर जीवन मोहन दगड़े, एसडीओ रश्मि ध्यानी, जन्मेजय रमोला, किशोर नौटियाल, रेंजर आशीष डिमरी विवेक जोशी, राजेश मौजूद रहे।
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