uttarakhand cooperative bank management mistake 6 crores of public lost 15 crores loss due to wrong investment उत्तराखंड में सहकारी बैंक मैनेजमेंट की गलती से जनता के 6 करोड़ डूबे, गलत निवेश से 15 करोड़ का नुकसान, Uttarakhand Hindi News - Hindustan
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उत्तराखंड में सहकारी बैंक मैनेजमेंट की गलती से जनता के 6 करोड़ डूबे, गलत निवेश से 15 करोड़ का नुकसान

पूर्व में भी इस घोटाले की जांच की तमाम कोशिशें हुईं, लेकिन हर बार जांच को दबा दिया गया। कभी किसी गुनहगार के खिलाफ कार्रवाई तो दूर एक नोटिस तक जारी नहीं किया गया।

Himanshu Kumar Lall लाइव हिन्दुस्तानTue, 13 May 2025 07:39 AM
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उत्तराखंड में सहकारी बैंक मैनेजमेंट की गलती से जनता के 6 करोड़ डूबे, गलत निवेश से 15 करोड़ का नुकसान

उत्तराखंड में राज्य सहकारी बैंक मैनेजमेंट के एक गलत फैसले से जनता के 6.11 करोड़ रुपये डूब गए हैं। बैंक मैनेजमेंट ने 2019 में मार्केट में 15 करोड़ रुपये का निवेश किया। दावा किया गया था कि इस 15 करोड़ के निवेश से 30 करोड़ से अधिक लौट कर मिलेंगे। अब स्थिति ये है कि निवेश किए गए 15 करोड़ की कीमत आज 8.78 करोड़ में जाकर सिमट गई है। 6.11 करोड़ की मूल रकम, 11 लाख रुपये कंपनी के चार्जेज और 15 करोड़ के संभावित लाभ के हुए नुकसान प्रकरण में शासन ने जांच बैठा दी है।

रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव को जांच सौंपी गई है। बैंक की ओर से निवेश किए गए 15 करोड़ को इसीलिए बड़ा घोटाला बताया जा रहा है, क्योंकि जिस कंपनी पर निवेश किया, उसकी मार्केट में वित्तीय इमेज बेहद कमजोर थी। इसके बाद भी इस डूबती कंपनी पर किए गए निवेश को लेकर बैंक का तत्कालीन पूरा मैनेजमेंट सवालों के घेरे में है।

पूर्व में भी इस घोटाले की जांच की तमाम कोशिशें हुईं, लेकिन हर बार जांच को दबा दिया गया। कभी किसी गुनहगार के खिलाफ कार्रवाई तो दूर एक नोटिस तक जारी नहीं किया गया। सचिव सहकारिता दिलीप जावलकर ने रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव सोनिका को जांच अधिकारी की जिम्मेदारी सौंपी है। साफ किया गया है कि पूर्व में भी जांच के नाम पर एक लंबा निकल चुका है।ऐसे में अब इस पूरे प्रकरण की जांच जल्द से जल्द सुनिश्चित की जाए।

शासन के इस आदेश से पूरे राज्य सहकारी बैंक में हड़कंप मच गया है। कई पूर्व एमडी, जीएम से लेकर अन्य रसूखदार लोगों की नींद उड़ी हुई है। सचिव सहकारिता, दिलीप जावलकर ने बताया कि को-ऑपरेटिव रजिस्ट्रार ऐक्ट के तहत जांच के आदेश कर दिए गए हैं। रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव को जल्द से जल्द इस वित्तीय गड़बड़ी की जांच पूरी कर रिपोर्ट शासन को उपलब्ध कराने को कहा गया है।

घपले- घोटालों में कई बार सामने आया बैंक का नाम

राज्य सहकारी बैंक घपले, घोटालों का दूसरा नाम बन गया है। आए दिन सहकारी बैंकों की शीर्ष संस्था राज्य सहकारी बैंक विवादों में रहता है। कभी महंगे गिफ्ट के नाम पर बजट ठिकाने लगाने काम किया जाता है। कभी प्रक्रिया पूरी किए चीनी मिलों, शराब कारोबारियों, रियल स्टेट कारोबारियों, रिजॉर्ट निर्माण के लिए करोड़ों का लोन दिया जाता है।

बैकडोर भर्ती वालों का वेतन भी बढ़ाया गया

राज्य सहकारी बैंक में दशकों से कर्मचारियों की बैकडोर भर्ती की जा रही है। इस भर्ती के लिए रजिस्ट्रार को-ऑपरेटिव से विधिवत मंजूरी तक नहीं ली जाती। रजिस्ट्रार सहकारिता की ओर से कई बार जवाब भी तलब किया गया, लेकिन कोई तवज्जो नहीं दी गई। बिना रजिस्ट्रार के अनुमोदन के ये भर्ती अवैध हैं। इसके बावजूद बैंक बोर्ड ने इनका वेतन बढ़ाने से लेकर नियमित करने तक की कार्रवाई की हैं।

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