जजरेड़ भू-स्खलन जोन फिर लोगों को रुलाएगा
पछुवादून में मानसून के दौरान हर साल सदानीरा और बरसाती नदियां कहर बरपाती हैं। हालांकि प्रशासन बरसात के नुकसान को कम करने के लिए हर साल बाढ़ सुरक्षा चौक

जजरेड़ भू-स्खलन जोन फिर लोगों को रुलाएगा साहिया, संवाददाता। कालसी-चकराता मार्ग पर जजरेड पहाड़ी पर होता भूस्खलन इस बरसात में भी रुलाएगा। भूस्खलन को रोकने के लिए लोनिवि की ओर से कोई पुख्ता उपाय नहीं किए गए हैं। वहीं, जजरेड पर पुल निर्माण कराने का लोनिवि साहिया खंड की ओर से भेजा गया प्रस्ताव भी ठंडे बस्ते में है। जजरेड पहाड़ी का ढाई सौ मीटर हिस्सा लोगों के लिए मुसीबत बन गया है। हल्की बारिश में पहाड़ी से गिरने वाले मलबे से जौनसार बावर की लाइफ लाइन कालसी चकराता मोटर मार्ग बाधित हो जाता है। लोक निर्माण विभाग के करोड़ों रुपये खर्च होने पर भी समस्या का स्थाई समाधान नहीं निकल सका है।
जौनसार बावर क्षेत्र की करीब पौने दो लाख की आबादी को मुख्य धारा से जोड़ने वाले इस मार्ग पर जजरेड पहाड़ी से भूस्खलन की समस्या का हल निकालने को लोनिवि ने अलग से एक पुल बनाने का प्रस्ताव भी शासन को भेजा, लेकिन वह भी ठंडे बस्ते में चला गया है। लोनिवि ने मलबे को रोकने के लिए लाखों रुपये कंक्रीट की दीवार बनाने पर खर्च कर डाले, लेकिन वह भी कारगर नहीं हो पाई हालत यह है कि मुख्य मार्ग पर बरसात के समय लोक निर्माण विभाग की ओर से मौके पर एक बुलडोजर और दो जेसीबी लगा दी जाती है और खतरे का बोर्ड टांग कर अपने कर्तव्य की इतिश्री कर ली जाती है। जजरेड पहाड़ी क्षेत्र के 200 मीटर क्षेत्र में कच्चा पहाड़ है, हल्की बारिश में ही भूस्खलन से मलबा और पत्थर गिरने शुरू हो जाते हैं, जिसके कारण हादसों में कई लोग अपनी जान गवां चुके हैं।
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