खाकी वर्दी से फिजिक्स टीचर तक, इस IPS अफसर ने 8 बार बदला पेशा; करना चाहते और भी काम
- आईआईटी कानपुर से पढ़ाई कर चुके और पूर्व आईपीएस अफसर रह चुके राजन सिंह ने हाल ही में सोशल मीडिया पर अपने करियर की 8 बिल्कुल अलग-अलग मंजिलों के बारे में बताया।

कभी खाकी पहनकर अपराधियों का पीछा किया, तो कभी क्लासरूम में फिजिक्स पढ़ाई। इतना ही नहीं अपनी जिंदगी में उन्होंने 8 तरह के काम किए, उनके अंदर और भी काम करने की इच्छाएं हैं। ये कहानी है राजन सिंह की है जिनकी जिंदगी की राहें सीधी नहीं बल्कि बेहद दिलचस्प और मोड़दार रही हैं।
आईआईटी कानपुर से पढ़ाई कर चुके और पूर्व आईपीएस अफसर रह चुके राजन सिंह ने हाल ही में लिंक्डइन पर अपने करियर की 8 बिल्कुल अलग-अलग मंजिलों को साझा किया, जिसने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया। उनकी पोस्ट वायरल हो गई और हजारों लोग उनके इस सफर से खुद को जोड़ने लगे।
8 करियर आजमा चुके हैं राजन सिंह
राजन सिंह इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र, फिर आईपीएस अफसर के पद पर 8 साल काम किया। इसके बाद मैकिंजी में स्ट्रैटेजी कंसल्टेंट के तौर पर नियुक्त हुए। उन्होंने प्राइवेट इक्विटी फंड में इन्वेस्टर के पद पर भी काम किया। पठन-पाठन में रुचि रखने वाले राजन सिंह ने इनवेस्टमेंट बैंकरों को फाइनेंस सिखाया। फिर उन्होंने टेक एंटरप्रेन्योर के तौर पर लर्निंग प्रोडक्ट्स पर काम, फिजिक्स के टीचर भी रहे और HabitStrong नाम की कंपनी में फोकस और प्रोडक्टिविटी के ट्रेनर भी रहे।
करना चाहते हैं और भी काम
पर जो बात सबसे ज्यादा दिल को छू गई, वो थी राजन की सोच। उन्होंने लिखा, "अगर जिंदगी और वक्त मिला, तो मैं 8-10 और करियर आजमाना चाहूंगा। ये अच्छा है या बुरा, शायद नजरिए की बात है।" उन्होंने माना कि एक ही फील्ड में टिके रहना आपको गहराई देता है, वर्टिकल कंपाउंडिंग यानी एक ही चीज में महारत, लेकिन अलग-अलग अनुभव आपको हॉरिजॉन्टल कंपाउंडिंग देते हैं, यानी जिंदगी के कई पहलुओं को जोड़ने, समझने और नई सोच पैदा करने की ताकत देते हैं।
राजन ने आगे लिखा, "अब वो जमाना नहीं रहा जब कॉलेज से निकले और 35 साल एक ही काम करते रहे। आज की दुनिया में खुद को बदलते रहना, सीखते रहना और नए रूप में ढलते रहना ही असल जरूरत है।" उनकी इस सोच ने सोशल मीडिया पर कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी आईं। किसी यूजर ने कहा, "हॉरिजॉन्टल कंपाउंडिंग एक जबरदस्त सोच है, अलग रास्ते आपकी वैल्यू को कम नहीं करते, बल्कि और गहराई देते हैं।" वहीं दूसरे यूजर ने लिखा, "मैंने भी अब तक 7 करियर ट्रैक आजमाए हैं, और लगता है कि अब वर्टिकल कंपाउंडिंग की बारी है। उम्र के साथ डर लगता है, लेकिन सीखने की आग अब भी बाकी है।"
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