गाजा में 2300 रुपये का हो गया पारले-जी बिस्किट, एक पिता का वीडियो देख भावुक हो गए लोग
एक वायरल पोस्ट में दावा किया गया कि गाजा में पारले-जी का पैकेट भी अब 2300 से भी ज्यादा रुपये में मिलने लगा है। एक पिता का यह वीडियो भावुक कर देने वाला है।

भारतीय परिवारों में चाय के साथ पारले-जी बिस्किट आम बात है। बच्चों को बहलाना हो या फिर मेहमान की खातिर, पारले-जी बिस्किट हर वर्ग में बहुत लोकप्रिय है। बिस्किट की कीमत भी इतनी की सामान्य से सामान्य परिवार इसे आसानी से खरीदकर अपने नाश्ते का हिस्सा बना सकता है। हालांकि युद्धग्रस्त गाजा में अब पारले-जी की पैकेट भी केवल अमीर ही खरीद सकते हैं। आम लोग अपने बच्चों को भूख मिटाने के लिए एक पैकेट बिस्किट भी नहीं दे सकते हैं। एक वायरल पोस्ट में दावा किया किया गया है कि गाजा में पारले-जी बिस्किट की कीमत 500 गुना तक पढ़ गई है।
2342 रुपये का पारले जी बिस्किट
मोहम्मद जावेद नाम के यूजर ने अपने एक्स हैंडल पर बच्चे के साथ एक वीडियो पोस्ट की है। वीडियो भी भावुक कर देने वाला है। एक पिता ने अपने बच्चे को पारले जी बिस्किट के पैकेट गिफ्ट किए हैं। उन्होंने अपनी पोस्ट में लिखा, लंबे इंतजार के बाद रवीफ क उसके पसंदीदा बिस्किट मिल गए। पारले-जी की कीमत 1.5 यूरो से 24 यूरो होने के बाद भी मैं उसकी पसंदीदा दावत के लिए उसे इनकार नहीं कर पाया। भारतीय बाजारों में आज भी यह बिस्किट मात्र पांच रुपये में उपलब्ध है।
बता दें कि 1.5 यूरो भारतीय रुपये में लगभग 146 होता है। वहीं 24 यूरो की कीमत लगभग 2342 रुपये है। दुनियाभर में जिसने भी यह पोस्ट देखी उसका दिल दर्द से भर गया। बच्चे के चेहरे की मासूमियत और एक पिता की उसे खुश करने की शिद्दत देखकर लोग भावुक हो गए। इस एक वीडियो से गाजा की स्थिति की कल्पना की जा सकती है। सोशल मीडिया पर बहुत सारे लोगं ने सरकारी अधिकारियों और पारले कंपनी से गाजा के लोगों की मदद करने की अपील की है। एक यूजर ने कहा, भारत चाहे तो गाजा में पारले जी बिस्किट भिजवा सकता है लेकिन हमास के आतंकी ट्रक ही पकड़ लेंगे और खाने का सामान लूटकर लोगों में ब्लैक करेंगे।
एक यूजर को जवाब देते हुए जावेद ने लिखा, कुछ लोगों को लगता है कि गाजा के लिए जो मदद भेजी जाती है वह लोगों को मिलती है। लेकिन सच यह है कि यहां बहुत सारे लोगों को लूट और चोरी के काम में लगाया गया है। वे सामान को ब्लैक करते हैं और ऊंची कीमतों में बेचते हैं। उदाहरण के तौर पर आटा करीब 42 हजार रुपये में, और चीनी करीब 900 रुपये प्रति किलोग्राम बेची जा रही है। रोजमर्रा की सारी चीजें आम लोगों की पहुंच से बाहर हैं। एक तरफ लोग खाने-पीने की चीजों के लिए भी जान की बाजी लगाने को तैयार हैं तो दूसरी तरफ लूट और चोरी का सामान ब्लैक किया जा रहा है।
गाजा में भुखमरी और कुपोषण से मौतें
गाजा में हाल यह है कि बमबारी से ज्यादा मौतें भुखमरी और कुपोषण से होने लगी हैं। बड़ी संख्या में बच्चे बीमारियों का शिकार बन रहे हैं। यूएन की रिपोर्ट के मुतबिक पिछले एक साल में ही कुपोषित बच्चों की संख्या तीन गुनी हो गई है। दो महीने का सीजफायर खत्म होने के बाद इजरायल ने गाजा के लिए 11 हफ्तों का ब्लॉकेड लगा दिया था। युद्ध से पूरी तरह से तबाह गाजा पट्टी में फलस्तीनियों ने शुक्रवार को खंडहर हो चुकी मस्जिदों और घरों के बाहर नमाज अदा कर इस्लाम के सबसे महत्वपूर्ण त्योहार बकरीद की शुरुआत की। उन्होंने इस इस अवसर पर इजराइल से युद्ध जल्द समाप्त होने की दुआएं मांगी।
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