आज भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी पर करें भगवान गणेश की स्तुति का पाठ, दूर होंगी सभी परेशानी
- Bhalchandra sankashti Chaturthi: चतुर्थी तिथि पर गणेश स्तुति का पाठ करने से आर्थिक, व्यापारिक उन्नति प्राप्त होती है और कार्यों में सफलता मिलती है।

Bhalchandra Sankashti Chaturthi: हिंदू धर्म में हर महीने के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को भगवान श्रीगणेश की विधिवत पूजा की जाती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी व्रत किया जाता है। इस साल भालचंद्र संकष्टी चतुर्थी 17 मार्च 2025, सोमवार को है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीगणेश की पूजा व व्रत करने से आर्थिक संकटों से मुक्ति मिलती है और व्यापारिक सफलता प्राप्त होती है। कार्यों की विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं। मान्यता है कि इस दिन गणेश स्तुति का पाठ करने से भगवान श्रीगणेश प्रसन्न होते हैं और संकटों से रक्षा होती है। यहां पढ़ें गणेश स्तुति-
चैत्र
गणेश स्तुति:
विघ्नेश्वराय वरदाय सुरप्रियाय,
लम्बोदराय सकलाय जगद्धिताय ॥
नागाननाय श्रुतियज्ञविभूषिताय,
गौरीसुताय गणनाथ नमो नमस्ते ॥
भक्तार्तिनाशनपराय गनेशाश्वराय,
सर्वेश्वराय शुभदाय सुरेश्वराय ॥
विद्याधराय विकटाय च वामनाय,
भक्त प्रसन्नवरदाय नमो नमस्ते ॥
नमस्ते ब्रह्मरूपाय विष्णुरूपाय ते नम:,
नमस्ते रुद्राय्रुपाय करिरुपाय ते नम: ॥
विश्वरूपस्वरूपाय नमस्ते ब्रह्मचारणे,
भक्तप्रियाय देवाय नमस्तुभ्यं विनायक ॥
लम्बोदर नमस्तुभ्यं सततं मोदकप्रिय,
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
त्वां विघ्नशत्रुदलनेति च सुन्दरेति,
भक्तप्रियेति सुखदेति फलप्रदेति ॥
विद्याप्रत्यघहरेति च ये स्तुवन्ति,
तेभ्यो गणेश वरदो भव नित्यमेव ॥
गणेशपूजने कर्म यन्न्यूनमधिकं कृतम,
तेन सर्वेण सर्वात्मा प्रसन्नोSस्तु सदा मम ॥
चतुर्थी तिथि कब से कब तक: चतुर्थी तिथि 17 मार्च 2025 को रात 07 बजकर 33 मिनट पर प्रारंभ होगी और 18 मार्च 2025 को रात 10 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी।
चंद्रदेव की पूजा- गणेश जी की पूजा के बाद चन्द्रोदय के समय पुष्प आदि से चन्द्रदेव का पूजन करना चाहिए और उन्हें अर्घ्य देना चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से जन्मकुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है।