Ganga Dussehra today know snan daan muhurat and Ganga maa aarti lyrics in hindi Ganga ji aarti in hindi: जानें आज कब तक है गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त, यहां पढ़ें मां गंगा की संपूर्ण आरती, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Ganga ji aarti in hindi: जानें आज कब तक है गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त, यहां पढ़ें मां गंगा की संपूर्ण आरती

Ganga maa aarti lyrics in hindi: ज्येष्ठ शु्क्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। गंगा दशहरा के दिन दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत उत्तम माना जाता है।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानThu, 5 June 2025 09:30 AM
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Ganga ji aarti in hindi: जानें आज कब तक है गंगा स्नान का शुभ मुहूर्त, यहां पढ़ें मां गंगा की संपूर्ण आरती

ज्येष्ठ शु्क्ल पक्ष की दशमी तिथि को गंगा दशहरा का पर्व मनाया जाता है। इस दिन मां गंगा धरती पर अवतरित हुई थीं। गंगा दशहरा के दिन दिन गंगा नदी में स्नान करना बहुत उत्तम माना जाता है। इस दिन स्नान, दान और उपवास का विशेष महत्व माना जाता है। इस साल ज्येष्ठ गंगा दशहरा पर दशमी तिथि 4 जून की देर रात 11 बजकर 54 मिनट से 5 जून की देर रात 2 बजकर 16 मिनट तक रहेगी। ऐसे में 5 जून को पूरे दिन स्नान-दान कर पुण्य प्राप्त कर सकेंगे। इस बार 5 जून को भोर 3 बजकर 35 मिनट से सुबह 5 बजकर 24 मिनट तक और पुन: सुबह 9.13 तक गंगा स्नान विशेष शुभफल दायी रहेगा, क्योंकि इस समय तक सिद्धि योग रहेगा। इस योग में स्नान और दान का पुण्य दोगुना मिलेगा।

कैसे करें मां गंगा की पूजा
इस दिन पंचोपचार या षोडशोपचार पूजा करनी चाहिए। पूजन में 10 प्रकार के फूल, 10 प्रकार के नैवेद्य, 10 प्रकार के ऋतुफल, 10 ताम्बूल, दशांग, धूप के साथ 10 दीपक जलाना चाहिए। गंगा अवतरण की कथा का श्रवण, श्रीगंगा स्तुति एवं श्रीगंगा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। गंगा दशहरा पर ‘ऊँनमः शिवाय नारायण्ये दशहराये गंगाय नमः’ मंत्र के जप का भी विधान बताया गया है। यहां नीचे दी गई मां गंगा की आरती भी पढ़ें

मां गंगा की आरती

ॐ जय गंगे माता, श्री गंगे माता।

जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता।

ॐ जय गंगे माता... चन्द्र-सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता।

शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता। ॐ जय गंगे माता...

पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता।

कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता। ॐ जय गंगे माता...

एक ही बार भी जो नर तेरी शरणगति आता।

यम की त्रास मिटा कर, परम गति पाता। ॐ जय गंगे माता...

आरती मात तुम्हारी जो जन नित्य गाता।

दास वही जो सहज में मुक्ति को पाता। ॐ जय गंगे माता... ॐ जय गंगे माता...।।

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