Changing Symptoms of Viral Infection Focus on Sore Throat and High Fever स्वास्थ्य: गर्मी में वायरल के मरीजों में बढ़ा गले का दर्द, Bagpat Hindi News - Hindustan
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स्वास्थ्य: गर्मी में वायरल के मरीजों में बढ़ा गले का दर्द

Bagpat News - - हाइग्रेड फीवर के साथ दर्द, सूजन ओर खरास कर रही परेशानीस्वास्थ्य: गर्मी में वायरल के मरीजों में बढ़ा गले का दर्दस्वास्थ्य: गर्मी में वायरल के मरीजों

Newswrap हिन्दुस्तान, बागपतFri, 6 June 2025 07:53 PM
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स्वास्थ्य: गर्मी में वायरल के मरीजों में बढ़ा गले का दर्द

इस बार वायरल से जुड़े मामलों के लक्षण बदले हुए दिखाई दे रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक वायरल इंफेक्शन के मरीजों में गले में दर्द का लक्षण मुख्य रूप से देखा जा रहा है। हाइग्रेड फीवर के साथ गले में दर्द, सूजन, खरास और बोलने में दिक्कत के साथ भूख न लगना और कमजोरी वायरल संक्रमण की वजह बताई जा रही है। लगातार इलाज के बाद दो सप्ताह तक भी आराम नहीं मिलने से मरीज बेदम हो जा रहे हैं। बार-बार बदल रहे मौसम के बीच वायरल संक्रमण इस बार अलग ही तेवर में नजर आ रहा है। वायरल की बदली हुई शक्ल में संक्रमित मरीजों के गले में दर्द का लक्षण मुख्य रूप से दिखाई दे रहा है।

मरीजों में 104 डिग्री से ज्यादा तेज बुखार के साथ गले में लगातार दर्द, सूजन, खरास और बोलने में दिक्कत महसूस हो रही है। कई केसों में मरीजों की भर्राई हुआ आवाज और आवाज बदलने के भी मामले सामने आए हैं। खुश्की, भूख न लगना और लगातार शरीर गिरने से मरीजों की हालत मरणासन्न हो जा रही है। लगातार इलाज के बाद दो सप्ताह तक भी आराम न मिलने से वायरल अटैक मरीजों को बेदम कर दे रहा हैं। जिला अस्पताल, सीएचसी ओर पीएचसी पर रोजाना 100 से ज्यादा बुखार के मरीज इलाज कराने आ रहे हैं। फिजिशियन डा. श्रवण कुमार ने बताया कि मौसम में गर्मी बढ़ रही है। मौसम के बदलाव के हिसाब से शरीर खुद को एडजस्ट नहीं कर पा रहा है। खानपान संबंधी लापरवाही और डीहाइड्रेशन की वजह से लोगों का इम्युनिटी लेवल कम हो रहा है। ऐसे में लोग तेजी से वायरल संक्रमण की चपेट में आ रहे हैं। संक्रमित व्यक्ति में दूसरे लक्षणों के साथ गले में दर्द की समस्या भी खासतौर से देखी जा रही है। -------- ऐसे करें बचाव ठंडा पानी, कोल्डड्रिंक और दूसरे शीतल पेय से परहेज करें। खूब पानी पिएं और पूरी नींद लें। बुखार आने पर पैरासिटामोल टैबलेट लें, चिकित्सक की सलाह बिना एंटीबायोटिक न लें। सोते समय मच्छरदानी लगाएं और बुखार आने पर डेंगू, मलेरिया टाइफाईड की जांच कराएं। झोलाछाप से इलाज न कराएं।

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