Holashtak which work should do in holashtak and which are not Holashtak 2025: होलाष्टक में किन कामों को करना चाहिए और किन कामों को नहीं, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Holashtak 2025: होलाष्टक में किन कामों को करना चाहिए और किन कामों को नहीं

  • हर साल फाल्गुन में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होता है। ये 8 दिन होलिका दहन तक होते हैं। इसके बाद होलाष्टक समाप्त हो जाते हैं। साधारण शब्दों में समझें तो होली से ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक लगते हैं।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानThu, 6 March 2025 11:55 AM
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Holashtak 2025: होलाष्टक में किन कामों को करना चाहिए और किन कामों को नहीं

हर साल फाल्गुन में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि से होलाष्टक शुरू होता है। ये 8 दिन होलिका दहन तक होते हैं। इसके बाद होलाष्टक समाप्त हो जाते हैं। साधारण शब्दों में समझें तो होली से ठीक 8 दिन पहले होलाष्टक लगते हैं। ऐसा कहा जाता है कि इन 8 दिनों में कोई भी मंगल कार्य नहीं किए जाते हैं, क्योंकि इस दौरान नेगेटिव शक्तियां बहुत उग्र होती हैं, और शुभ कार्य पूरे नहीं हो पाते हैं। इस साल सात मार्च से होलाष्टक शुरू हो रहे हैं और 13 मार्च को होलाष्टक समाप्त होगा ।

क्या है मान्यताएं

इस दिन कामदेव को भगवान शिव ने भस्म किया था, क्योंकि भगवान शिव की तपस्या तोड़ने के लिए कामदेव ने अपने पांच बाण उन पर छोड़े थे। उनकी तपस्या इसलिए तोड़ी जानी थी, जिससे उनका विवाह माता पार्वती से हो जाए। लेकिन तपस्या भंग होने से नाराज शिवजी ने अपनी आंख खोली और तीसरी आंख खोलने से कामदेव भस्म हो गए थे।

क्या कार्य कर सकते हैं और क्या कार्य नहीं कर सकते हैं

परंतु, जन्म और मृत्यु के बाद किए जाने वाले कार्य होलाष्टक में भी किए जाते हैं। अगर किसी बालक का जन्म इस दिन होता है, तो उसकी छठी अगर होलाष्टक में पड़ रही है तो उस बच्चे की छठी उसी दिन होगी। इस दौरान इन कार्यों में ब्रैक नहीं लगती है। लेकिन किसी भी हालत में हालत होलाष्टक में नई शादी हुई दुल्हन की विदाई, नामकरण, जनेऊ, शादी, भूमि पूजन, गृह प्रवेश आदि नहीं करने चाहिए, क्योंकि इसका शुभ परिणाम नहीं मिलता है।कहा जाता है कि होलाष्टक के 8 दिनों में प्रह्लाद को हिरण्यकश्यप ने बंदी बनाया था। उसे जान से मारने के लिए तरह-तरह की यातनाएं दी गईं। इसलिए आठ दिनों को ही अशुभ मानने की परंपरा बन गई। इस दिन अलग-अलग ग्रह अपने उग्र रूप में होते हैं। इन दिनों में होलिका की तैयारी, जैसे गोबर की गुलरिया आदि बनाई जाती है।

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