hast rekha rahu ketu venus sun and other planets placement in your palm benefits side effects खुद ही पढ़ें हथेली में छिपे सारे राज, जानें कहां बैठे हैं राहु-केतु?
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खुद ही पढ़ें हथेली में छिपे सारे राज, जानें कहां बैठे हैं राहु-केतु?

9 Planets on Hast Rekha: आप अपनी हथेली पर मौजूद 9 पर्वत के बारे में जानकर जिंदगी से जुड़ी अहम जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं। ये पर्वत अलग-अलग ग्रहों को दर्शाती हैं।

Garima Singh लाइव हिन्दुस्तानSun, 15 June 2025 06:13 PM
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खुद ही पढ़ें हथेली में छिपे सारे राज, जानें कहां बैठे हैं राहु-केतु?

Hast Rekha Details: हर कोई ये जानने के लिए उत्सुक होता है कि भविष्य में क्या होने वाला है? इसके लिए लोग ज्योतिष के पास जाते हैं या फिर ऑनलाइन ही सब कुछ जानने की कोशिश करते हैं। वैसे आपके भूत, वर्तमान और भविष्य से जुड़े सारे राज आपकी हथेली में ही छिपे होते हैं। कहा जाता है कि इंसान की किस्मत उसके हाथों में ही होती है। अपने हाथ की रेखाओं को पढ़कर ही आप अपने भविष्य से जुड़ी जानकारी ले सकते हैं। हमारे हाथ में 9 पर्वत होते हैं जो सभी ग्रहों को दर्शाते हैं। इन 9 ग्रहों के नाम हैं- शनि, बुध, बृहस्पति, सूर्य, चंद्रमा, मंगल, राहु, केतु और शुक्र। इस रिपोर्ट में जानते हैं कि किस तरह से हम अपनी हथेली में ही इन ग्रहों के स्थान को देखकर काफी कुछ पता कर सकते हैं। नीचे जानते हैं कि हथेली में मौजूद 9 पर्वत कौन से ग्रहों को दर्शाते हैं…

गुरु पर्वत: तर्जनी उंगली (अंगूठे के ठीक बगल वाली) के ठीक नीचे गुरु पर्वत होता है। ये बृहस्पति ग्रह को दर्शाता है। इस ग्रह को मजबूत बनाने के लिए तर्जनी उंगली में पुखराज की अंगूठी पहनी जाती है।

शनि पर्वत: तर्जनी के ठीक बगल वाली उंगली को मध्यमा कहते हैं। इस उंगली के ठीक नीचे ही शनि पर्वत होता है। जिस भी शख्स की कुंडली में शनि की स्थिति कमजोर होती है तो उसे लोहे का छल्ला पहनने की सलाह दी जाती है।

सूर्य पर्वत: तर्जनी के बगल वाली उंगली को अनामिका कहा जाता है। इसके ही नीचे सूर्य पर्वत होता है। जिस भी व्यक्ति की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उसे नियमित रूप से सुबह उठकर सूर्यदेव को जल चढ़ाना चाहिए।

हस्त रेखा

Image Credit: हस्तरेखा विशेषज्ञ जी फेसबुक पेज

बुध पर्वत: अनामिका के बगल वाली उंगली को कनिष्ठिका (छोटी उंगली) कहते है। इस उंगली के ठीक नीचे ही बुध पर्वत कहते हैं।

शुक्र पर्वत: अंगूठे के ठीक नीचे और जीवन रेखा के अंदर वाला हिस्सा शुक्र पर्वत को दर्शाता है। जिनकी कुंडली में शुक्र पर्वत कमजोर होता है, उसे ज्योतिष अंगूठे में चांदी का छल्ला पहनने की सलाह देते हैं।

चंद्र पर्वत: शुक्र पर्वत के ठीक सामने वाले हिस्से को चंद्र पर्वत कहा जाता है। इस ग्रह को मजबूत करने के लिए भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए।

मंगल पर्वत: शुक्र पर्वत और गुरु पर्वत के बीच वाला हिस्सा ही मंगल पर्वत है। ये जीवन रेखा के अंदर ही है। अगर कुंडली में यह ग्रह कमजोर है तो आप हनुमान भगवान की पूजा कर सकते हैं। साथ ही मंगलवार के दिन लाल रंग की वस्तुओं का भी इस्तेमाल किया जा सकता है।

केतु पर्वत: शुक्र और चंद्र पर्वत के बीच के का हिस्सा केतु पर्वत होता है।

राहु पर्वत: केतु के ठीक ऊपर राहु होता है। केतु पर्वत के ठीक ऊपर एक गड्ढा होता है, इसे ही राहु पर्वत कहा जाता है।

कैसे मिलता है लाभ?

अगर आपकी हथेली में ऊपर दिए गए किसी भी पर्वत का उभार कम है तो उसको दर्शाने वाले ग्रह के गुण आपमें कम नजर आएंगे। वहीं अगर कोई पर्वत उठा हुआ रहता है तो उस ग्रह में पाए जाने वाले गुण आपमें पूर्ण रूप से दिखाई देंगे।