Hariyali Teej Kab Hai Date Time Puja Vidhi Shubh Muhurat Hariyali Teej Kab Hai : हरियाली तीज कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Hariyali Teej Kab Hai : हरियाली तीज कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

Hariyali Teej Kab Hai : हिंदू धर्म में हरियाली तीज का काफी महत्व होता है। सावन मास में मनाए जाने वाले तीज को हरियाली तीज कहते हैं। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है।

Yogesh Joshi लाइव हिन्दुस्तान, नई दिल्लीSun, 15 June 2025 11:38 PM
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Hariyali Teej Kab Hai : हरियाली तीज कब है? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि

Hariyali Teej Kab Hai : हिंदू धर्म में हरियाली तीज का काफी महत्व होता है। सावन मास में मनाए जाने वाले तीज को हरियाली तीज कहते हैं। श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज मनाई जाती है। हरियाली तीज का व्रत करने से महिलाओं को अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है। इस दिन माता पार्वती के साथ गणेश जी और भगवान शिव की पूजा की जाती है। हरियाली तीज सावन मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। इस पवित्र त्योहार के अवसर पर महिलाएं देवी पार्वती को बेलपत्र, फूल, फल और हल्दी लगे चावल चढ़ाती हैं। यह पर्व भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। हरियाली तीज प्रकृति से जुड़ने का पर्व हैं। हरियाली तीज का जब पर्व आता है तो हर तरफ हरियाली छा जाती है। पेड़ पौधे उजले- उजले नजर आने लगते हैं। हरियाली तीज का पर्व श्रावण मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। हरियाली तीज या श्रावणी तीज, श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया को कहते हैं।

हरियाली तीज डेट- 26 अगस्त, 2025

पूजा मुहूर्त - 05:56 ए एम से 08:31 ए एम

अवधि - 02 घण्टे 35 मिनट्स

हरियाली तीज की कथा : पौराणिक कथा के अनुसार मां पार्वती की वर्षो की साधना के बाद इस दिन भगवान शिव से मिली थी। मान्यता है कि मां पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए 107 बार जन्म लिया था, लेकिन उन्हें महादेव नहीं मिले। जब 108वीं बार जन्म लिया तो उन्होंने भगवान शिव को पाने के लिए कठोर तपस्या की। ऐसा माना जाता है कि श्रावण मास की शुक्ल पक्ष के तृतीया तिथि पर ही भगवान शिव मां पार्वती की तपस्या से प्रसन्न हुए और उन्हें दर्शन दिए।

पूजन सामग्री लिस्ट- गंगाजल, पूजा की चौकी, तांबे और पीतल का कलश, दूध, दही, घी, शहद, शक्कर, पान, सुपारी, जनेऊ, कपूर, आक का फूल, कपूर, दूर्वा, जटावाल नारियल, बेलपत्र, अबीर, चंदन, मौली, इत्र, गुलाल, अक्षत, धूप, दीपक, शमी का पत्ता, धतूरे का फल, हल्दी, भांग, धतूरा, भस्म, पांच प्रकार के फल, मिठाई, पांच पल्लव, दक्षिणा, व्रत की पुस्तक पूजन सामग्री होनी चाहिए।

पूजा-विधि :

सुहागन स्त्रियां स्नान आदि से निवृत होकर मायके से आए हुए कपड़े पहन लें।

पूजा के शुभ मुहूर्त में एक चौकी पर माता पार्वती के साथ भगवान शिव और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें।

मां पार्वती को 16 श्रृंगार की सामग्री, साड़ी, अक्षत्, धूप, दीप, गंध आदि अर्पित करें।

शिव जी को भांग, धतूरा, अक्षत, बेल पत्र, श्वेत फूल, गंध, धूप, वस्त्र आदि चढ़ाएं।

गणेश जी की पूजा करते हुए हरियाली तीज की कथा सुनें।

भगवान शिव और माता पार्वती की आरती करें।

भगवान को भोग अवश्य लगाएं।

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