दो माह में शुरू होगा आईएमटी में एक और सीईटीपी का निर्माण
फरीदाबाद के आईएमटी में एक नए कॉमन एफ्युलंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) का निर्माण अगले दो महीनों में शुरू होगा। एचएसआईआईडीसी द्वारा तीन कंपनियों में से सबसे कम दर पर काम करने वाली कंपनी का चयन किया...

फरीदाबाद, वरिष्ठ संवाददाता। आईएमटी में प्रस्तावित एक और सीईटीपी(कॉमन एफ्युलंट ट्रीटमेंट प्लांट) का निर्माण कार्य अगले दो माह में शुरू करने की तैयारी चल रही है। इस सीईटीपी के निर्माण के लिए तीन कंपनियां आगे आई हैं। इनमें से एक का चयन कर निर्माण कार्य सौंप दिया जाएगा। एचएसआईआईडीसी(हरियाणाा स्टेट इंडस्टियल इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट कारपोरेशन) के मुताबिक, हाई पावर परचेज कमेटी की बैठक के दौरान तीन कंपनियों में से सबसे कम रेट पर काम करने वाली एक कंपनी को काम सौंपा जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही कमेटी की बैठक हो जाएगी। बैठक में कंपनी के चयन पर मुहर लगने के बाद एक माह तक कंपनी को निर्माण कार्य शुरू करना होगा।
इसके बाद यहां पर सीईटीपी का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। मौजूदा समय में आईएमटी के उद्योगों के लिए 10.5 एमएलडी का एक सीईटीपी प्लांट बना हुआ है। यहां फैक्टरियों की संख्या बढ़ने वाली है। इसे देखते हुए यहां पर एक और सीईटीपी की जरूरत है। आईएमटी में 800 से ज्यादा प्लॉट हैं। इनमें करीब 550 फैक्टरियां चल रही हैं। अगले साल तक इन फैक्टरियों की संख्या और बढ़नी है। यहां काफी प्लॉट में निर्माण कार्य चला हुआ है। भविष्य में यहां पर औद्योगिक इकाइयों की संख्या बढ़नी तय है। इसके मद्देनजर विभाग ने यहां पर एक और सीईटीपी बनाने की मंजूरी दी थी। इस सीईटीपी को बनाने के लिए विभाग ने 53 करोड़ 39 लाख रु्रये का बजट मंजूर किया है। सीईटीपी को बनाने के लिए विभाग ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। सीईटीपी को बनाने वाली कंपनी को ही इसका डिजाइन तैयार करने से लेकर 10 साल तक इसका रखरखाव भी करना होगा। निर्माण कार्य के शुरू होने के बाद इस प्लांट का कार्य 550 दिन में पूरा करना होगा। इस प्लांट का काम पूरा होने के बाद आईएमटी के उद्योगों के लिए सीईटीपी की क्षमता 21 एमएलडी हो जाएगी। आईएमटी से बाहर लगे उद्योगों के लिए नहीं हैं फिलहाल सीईटीपी फरीदाबाद में सेक्टर-चार, पांच, छह, सेक्टर-24, 25, 58,59, सेक्टर-27, एनआईटी औद्योगिक क्षेत्र, डीएलएफ औद्योगिक क्षेत्र और आईएमटी में कुल मिलाकर छह हजार से ज्यादा औद्योगिक इकाइयां हैं। इसके अलावा बाकी उद्योग शहर के अलग-अलग क्षेत्रों में रिहायशी कॉलोनियों और अनियमित औद्योगिक इलाकों में चल रहे हैं। जिले में कुल 30 हजार के आस-पास औद्योगिक इकाइयां हैं। आईएमटी को छोड़कर बाकी इलाकों की औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले सीवर के पानी को शोधित करने के लिए पुख्ता व्यवस्था नहीं है। इस वजह से सीवर का पानी गुरुग्राम नहर, आगरा नहर और यमुना में जा रहा है। भविष्य में उपरोक्त उद्योगों के लिए भी तीन नए सीईटीपी बनने हैं। इनमें से एक सीईटीपी प्रतापगढ़ में 50एमएलडी (मिलियंस ऑफ लीटर पर-डे) का, मिर्जापुर में 25 एमएलडी का और बादशाहपुर में 15 एमएलडी का लगाया जाएगा। इसकी भी विभागीय प्रक्रिया चल रही है। सिर्फ सेक्टर-58 स्थित इलेक्ट्रोप्लेटिंग जोन में ही दो एमएलडी का सीईटीपी है।
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