June Pradosh Vrat 2025 List Know June ka pehla aur dusra pradosh vrat kab hai Pradosh Vrat June: जून में प्रदोष व्रत कब-कब हैं? जानें डेट, महत्व व पूजन मुहूर्त, एस्ट्रोलॉजी न्यूज़ - Hindustan
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Pradosh Vrat June: जून में प्रदोष व्रत कब-कब हैं? जानें डेट, महत्व व पूजन मुहूर्त

June Mein Pradosh Vrat Kab Hai: प्रदोष व्रत भगवान शिव को समर्पित है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से भगवान शंकर की कृपा से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है। जानें जून महीने में प्रदोष व्रत कब-कब है।

Saumya Tiwari लाइव हिन्दुस्तानSat, 31 May 2025 06:27 PM
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Pradosh Vrat June: जून में प्रदोष व्रत कब-कब हैं? जानें डेट, महत्व व पूजन मुहूर्त

June Pradosh Vrat Dates 2025: भगवान शिव को समर्पित प्रदोष व्रत हर महीने के कृष्ण व शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी को रखा जाता है। इस व्रत में भगवान शिव व माता पार्वती की पूजा का विधान है। मान्यता है कि प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से मनवांछित फल की प्राप्ति होती है और संतान सुख मिलता है। साथ ही सुख-समृद्धि व सौभाग्य में वृद्धि होती है। जानें जून महीने में प्रदोष व्रत कब-कब है।

जून महीने का पहला प्रदोष व्रत कब है: हिंदू पंचांग के अनुसार, त्रयोदशी तिथि 08 जून को सुबह 07:17 मिनट पर प्रारंभ होगी और 09 जून 2025 को सुबह 09:35 मिनट पर समाप्त होगी। उदयातिथि मान्य होने के कारण प्रदोष व्रत 08 जून 2025 को रखा जाएगा। इस दिन रविवार होने के कारण रवि प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है।

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रवि प्रदोष व्रत पूजन मुहूर्त: रवि प्रदोष व्रत के दिन पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 07 बजकर 18 मिनट से रात 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। प्रदोष काल पूजन की कुल अवधि 02 घंटे 01 मिनट की है।

जून महीने का दूसरा प्रदोष व्रत कब है: वैदिक पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 23 जून को सुबह 01 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी और 23 जून को रात 10 बजकर 09 मिनट पर समाप्त होगी। प्रदोष व्रत 23 जून 2025 को किया जाएगा। इस दिन सोमवार होने के कारण सोम प्रदोष व्रत का संयोग बन रहा है।

सोम प्रदोष व्रत पूजन मुहूर्त: सोम प्रदोष व्रत पूजन का सुबह मुहूर्त शाम 07 बजकर 22 मिनट से रात 09 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। पूजन की कुल अवधि 02 घंटे की है।

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प्रदोष व्रत का महत्व: प्रदोष व्रत करने से भगवान शिव की कृपा से मनोकामना पूर्ण होती है। वैवाहिक जीवन में मधुरता व तालमेल बढ़ता है। इस व्रत को करने से मानसिक शांति मिलने की भी मान्यता है।

इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। इन्हें अपनाने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।

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