Mohini Ekadashi 2025 date: मई में है मोहिनी एकादशी व्रत, जानें इसे मोहिनी एकादशी क्यों कहते हैं?
मोहिनी एकादशी व्रत भगवान विष्णु के मोहिनी रूप और समुद्र मंथन के समय जब अमृत कलश से जुड़ा है। देवतागण नही चाहते थे कि राक्षस अमृतपान करें, इसलिए विष्णु भगवान ने मोहिनी रूप धरा था।

मोहिनी एकादशी का व्रत हर साल वैशाख मास की अमावस्या के दिन मनाया जाता है। इस साल यह व्रत मई में रखा जाएगा। इस बार मोहिनी एकादशी के दिन भद्रावास योग बन रहा है, जो बहुत शुभ माना जाता है। इस समय पूजा का कई गुना फल मिलता है। यह व्रत पापों से मुक्ति दिलाता है और शुभ फल प्रदान करता है। इस दिन भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया था, इसलिए इसे मोहिनी एकादशी कहते हैं।
कब है मोहिनी एकादशी
वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि इस साल 7 मई, प्रातः 10:19 पर शुरू हो रही है, लेकिन उदया तिथि होने के कारण यह व्रत 8 मई को रखा जाएगा, क्योंकि इस दिन एकादशी तिथि उदयातिथि में मिल रीह है। एकादशी तिथि 8 मई को दोपहर 12:29 तक एकादशी तिथि रहेगी। इस व्रत का पारण अगले दिन द्वादशी में किया जाता है, द्वादशी तिथि 9 मई को है, इसलिए इस दिन सुबह 5.30 से 8.16 तक व्रत का पारण किया जा सकता है।
क्या है महत्व
दरअसल समुद्र मंथन के समय जब अमृत कलशा निकला तो राक्षस गण इसका पान करने के लिए आगे आ गए। जो इस अमृत को पी लेता, वो सदा के लिए अमर हो जाता, इसलिए देवतागण राक्षसों को इसका पान नहीं कराना चाहते थे। इसलिए भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण किया और देवताओं को अमृत पान कराया। मोहिनी एकादशी का व्रत करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। इस दिन स्नान आदि कर भगवान विष्णु के मोहिनी स्वरूप तथा लक्ष्मी की विशेष पूजा अर्चना करनी चाहिए। विष्णु सहस्रनाम स्तोत्र का पाठ करना बहुत उत्भतम होता है। पूजा के समय भगवान को तुलसी पत्र, फल, फूल, पीले वस्त्र, केसर का दूध आदि अर्पित करें।