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Nirjala ekadashi 2025: कब है निर्जला एकादशी, जानें तिथि और इस व्रत का महत्व

  • Nirjala ekadashi 2025 Kab hai: यह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। एक तरफ जहां एकादशी में अन्न का संयम करना पड़ता है, वहीं निर्जला एकादशी में जल का संयम करना पड़ता है।

Anuradha Pandey लाइव हिन्दुस्तानTue, 15 April 2025 11:50 AM
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Nirjala ekadashi 2025: कब है निर्जला एकादशी, जानें तिथि और इस व्रत का महत्व

निर्जला एकादशी को सबसे बड़ी एकादशी कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि जो इस दिन व्रत करता है, उसे एक ही दिन में सभी एकादशी का फल मिल जाता है। इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 6 जून को रखा जाएगा। लेकिन निर्जला एकादशी का व्रत कठिन है। इस दिन व्रत रखने का संकल्प करके पूरे दिन निर्जला रहना होता है और अगले दिन दान करके और ब्रह्मण को खाना खिलाकर पारण किया जाता है। यह व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। एक तरफ जहां एकादशी में अन्न का संयम करना पड़ता है, वहीं निर्जला एकादशी में जल का संयम करना पड़ता है। इस दिन निर्जला रहकर दान पुण्य करने बहुत अधिक महत्व है। इस दिन जो व्रत रखता है और दान पुण्य करता है, उसे कई गुना अधिक फल मिलता है। इस व्रत में नियमों का भी पालन करना पड़ता है, तभी व्रत सफल माना जाता है।

भीम से जुड़ी है इस व्रत की कथा

आपको बता दें कि इस व्रत का पौराणिक महत्व भी है। एक बार भीम ने व्यासजी से कहा कि मैं भूखा नहीं रह सकता, इसलिए मुझे कोई ऐसा व्रत बताएं, जिसे करने से स्वत: सद्गति हो जाय। तब व्यासजी ने कहा कि तुमसे वर्षभर की सम्पूर्ण एकादशी नहीं हो सकती तो केवल एक निर्जला कर लो। इस दिन व्रत रखने से संपूर्ण एकादशी का फल आपको मिल जाएगा।तभी से इस एकादसी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। इस व्रत में स्नान और दान का बहुत अधिक महत्व है। ऐसा कहा जाता है कि इस व्रत को रखने वाला स्वर्ग को जाता है।

निर्जला एकादशी व्रत की तिथि

ज्येष्ठ माह का शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि की 6 जून 2025 को रात 02 बजकर 15 मिनट पर शुरू होगी जिसका समापन अगले दिन यानी 7 जून 2025 को सुबह 4 बजकर 47 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के कारण यह व्रत 6 जून को रखा जाएगा। एकादशी का पारण द्वादशी के दिन यानी 7 जून 2025 को किया जाएगा।

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