Nirjala Ekadashi Vrat Niyam : निर्जला एकादशी व्रत में इन नियमों का करें पालन
Nirjala Ekadashi Vrat Niyam : एकादशी व्रतों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण निर्जला एकादशी होती है। इस निर्जला-एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है।

Nirjala Ekadashi Vrat Niyam : एकादशी व्रतों में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण निर्जला एकादशी होती है। इस निर्जला-एकादशी को भीमसेनी एकादशी भी कहा जाता है। निर्जला एकादशी का व्रत ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को किया जाता है। इस साल 6 जून को गृहस्थ और 7 जून को वैष्णवों के लिए निर्जला एकादशी है। एकादशी तिथि को लेकर उपजी भ्रम को भारतीय विद्वत परिषद ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। परिषद से जुड़े आचार्य व विद्वानों ने कहा कि 6 जून को गृहस्थ और 7 जून को वैष्णव जन के लिए निर्जला एकादशी शास्त्र सम्मत है। इस व्रत को करने मात्र से वर्ष भर की सभी एकादशियों के व्रतों का पुण्यफल प्राप्त हो जाता है। जो साधक वर्ष की समस्त एकादशियों का व्रत कर पाने में असमर्थ हैं, उन्हें यह निर्जला एकादशी व्रत अवश्य करना चाहिए। हिन्दू पंचाग के अनुसार वृषभ और मिथुन संक्रांति के बीच ज्येष्ठ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी निर्जला एकादशी कहलाती है। यह व्रत मानसिक एवं शारीरिक स्वास्थ्य के नजरिये से भी अति महत्त्वपूर्ण है। इसका व्रत भगवान विष्णु की आराधना को समर्पित होता है। लोगों को श्रद्धा और सामर्थ्य के अनुसार दान करना चाहिए। जो इस पवित्र एकादशी का व्रत करता है, वह समस्त पापों से मुक्त हो जाता है। निर्जला एकादशी व्रत में कुछ नियमों का पालन करना जरूरी है। आइए जानते हैं, निर्जला एकादशी व्रत के नियम…
निर्जला एकादशी व्रत के नियम :
अन्न और जल का त्याग करें
निर्जला एकादशी व्रत में अन्न और जल ग्रहण नहीं किया जाता है। इस व्रत में जल का त्याग किया जाता है और व्रत का पारण करने के बाद ही जल का सेवन करते हैं। हालांकि, बीमार होने पर पानी पी सकते हैं।
नमक का सेवन न करें
निर्जला एकादशी व्रत में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए। यदि आप नमक का सेवन बहुत जरूरी है, तो सेंधा नमक खा सकते हैं। इसके अलावा इस दिन परिवार के सदस्यों को भी सात्विक भोजन करना चाहिए। इस दिन चावल खाने से बचना चाहिए।
व्रत कथा का पाठ करें
निर्जला एकादशी के दिन विष्णुजी की पूजा के दौरान व्रत कथा जरूर पढ़े। मान्यता है कि निर्जला एकादशी का व्रत रखने और व्रत कथा पढ़ने से वैवाहिक जीवन सुखमय रहता है।