April Vrat Tyohar: अप्रैल में अष्टमी, रामनवमी, अक्षय तृतीया व हनुमान जन्मोत्सव कब है?
- Ashtami, Ram Navami Kab Hai: अप्रैल में अष्टमी, रामनवमी, अक्षय तृतीया व हनुमान जयंती समेत कई व्रत-त्योहार आएंगे। जानें इन त्योहारों की सही डेट-

Maha Ashtami, Ram Navami, Akshaya Tritiya and Hanuman Jayanti 2025: हिंदू धर्म में हर महीने कई व्रत-त्योहार आते हैं। इस समय चैत्र का महीना चल रहा है। इस समय चैत्र नवरात्रि चल रहे हैं। चैत्र मास में नवरात्रि की दुर्गा अष्टमी व रामनवमी समेत कई व्रत-त्योहारों आएंगे। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, अप्रैल का महीना प्रारंभ भी प्रारंभ हो चुका है। अप्रैल में कामदा एकादशी, हनुमान जयंती व अक्षय तृतीया समेत कई महत्वपूर्ण आएंगे। जानें अप्रैल महीने के व्रत-त्योहारों की पूरी लिस्ट-
दुर्गाष्टमी 2025 कब है: हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र शुक्ल पक्ष अष्टमी 04 अप्रैल को रात 08 बजकर 12 मिनट पर प्रारंभ होगी और 06 अप्रैल 2025 सुबह 12 बजकर 35 मिनट पर समाप्त होगी। उदया तिथि में दुर्गाष्टमी 05 फरवरी 2025, बुधवार को है।
राम नवमी 2025 कब है: हिंदू पंचांग के अनुसार, नवमी तिथि 05 अप्रैल 2025 को रात 07 बजकर 26 मिनट पर प्रारंभ होगी और नवमी तिथि का समापन 06 अप्रैल 2025 को रात 07 बजकर 22 मिनट पर समाप्त होगा। राम नवमी 06 अप्रैल 2025, रविवार को मनाई जाएगी।
हनुमान जयंती 2025: हिंदू धर्म में हनुमान जी को कलयुग का देवता माना गया है। चैत्र मास में हनुमान जी का जन्मदिवस माना गया है। इस साल हनुमान जयंती 12 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा।
अक्षय तृतीया 2025 कब है: अक्षय तृतीया का दिन हिंदू धर्म में अबूझ मुहूर्त माना जाता है। इस दिन बिना किसी मुहूर्त के शुभ कार्यों को किया जा सकता है। इस साल अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को मनाई जाएगी।
अप्रैल 2025 के पर्व-त्योहार की लिस्ट-
1 अप्रैल 2025: विनायक चतुर्थी, चैती छठ प्रारंभ
2 अप्रैल 2025: चैती छठ (नहाय-खाय)
3 अप्रैल 2025: चैती छठ (संध्या अर्घ्य)
4 अप्रैल 2025: चैती छठ (ऊषा अर्घ्य)
6 अप्रैल 2025: राम नवमी, विकट संकष्टी चतुर्थी
8 अप्रैल 2025: कामदा एकादशी
10 अप्रैल 2025: प्रदोष व्रत
12 अप्रैल 2025: हनुमान जयंती, चैत्र पूर्णिमा व्रत
24 अप्रैल 2025: वरुथिनी एकादशी
25 अप्रैल 2025: प्रदोष व्रत
26 अप्रैल 2025: मासिक शिवरात्रि
27 अप्रैल 2025: वैशाख अमावस्या
29 अप्रैल 2025: परशुराम जयंती
30 अप्रैल 2025: अक्षय तृतीया