Pukhraj: पुखराज कब, किसे व कैसे धारण करना चाहिए?
- Yellow Sapphire, Pukhraj: पीले रंग का रत्न है पुखराज, जो गुरु ग्रह से संबंधित है। पुखराज रत्न को सही विधि और सही तरीके से धारण करने पर गुरु ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। इससे धन-लाभ व संतान सुख की प्राप्ति होती है।

Yellow Sapphire, Pukhraj : पुखराज पीले रंग का रत्न है, जो गुरु ग्रह से संबंधित माना जाता है। रत्न शास्त्र के अनुसार, पुखराज रत्न को धारण करने से गुरु ग्रह को मजबूत किया जा सकता है। कुंडली में ग्रहों की स्थिति और राशि के अनुसार रत्न धारण करना चाहिए। पुखराज को धारण करने के भी कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन करना जरूरी है। पुखराज को सही विधि और सही तरीके से धारण करने पर लाभ मिलता है। पुखराज धारण करने से धन-लाभ, यश, संतान सुख की प्राप्ति के साथ दांपत्य जीवन भी अच्छा रहता है। इसलिए आइए जानते हैं पुखराज किसे, कब और किस विधि से धारण करना चाहिए-
पुखराज कब करें धारण?
गुरु से संबंधित होने के कारण पुखराज को गुरुवार के दिन धारण करना शुभ माना जाता है। वहीं, इसे धारण करने से पहले शुद्धि करना जरूरी माना जाता है।
पुखराज कैसे करें धारण?
पुखराज के रत्न को सोने के धातु में जड़वा कर धारण किया जा सकता है। गुरुवार के दिन गंगाजल, दूध और शहद से पहले पुखराज की शुद्धि करें। फिर इसे विष्णु भगवान के चरणों में अर्पित कर दें। विधिवत पूजा-अर्चना करें। कुछ देर के बाद तर्जनी उंगली में इस रत्न को धारण कर लें। एकादशी, पुष्य नक्षत्र,और द्वादशी तिथि के दिन पुखराज धारण करना बेहद शुभ माना जाता है।
पुखराज किसे पहनना चाहिए?
ज्योतिष विद्या की मानें तो मेष, कर्क, सिंह, धनु, मीन और वृश्चिक राशि के लोग पुखराज धारण कर सकते हैं। वहीं, मकर, मिथुन, कुंभ, कन्या, वृषभ और तुला राशि के जातकों को यह रत्न नहीं धारण करना चाहिए। कुंडली में गुरु की स्थिति देखकर ही पुखराज धारण करना चाहिए। रत्न विद्या के मुताबिक, पन्ना और हीरा के साथ पुखराज नहीं पहनना चाहिए। वहीं, पुखराज धारण करने से पहले आपको अपने ग्रहों की स्थिति जरूर देखनी चाहिए और एस्ट्रोलॉजर की सलाह लेना भी बेहतर रहेगा।
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।