Buxar-Koilwar Embankment Road Key Route Remains Unpaved Causes Hardship for Villagers मरचईया बाजार से चक्की नौरंगा तक जाने का पक्का रास्ता नहीं, लोगों को परेशानी, Ara Hindi News - Hindustan
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मरचईया बाजार से चक्की नौरंगा तक जाने का पक्का रास्ता नहीं, लोगों को परेशानी

बक्सर-कोईलवर तटबंध , चार किलोमीटर लंबे इस अति महत्वपूर्ण मार्ग का पक्कीकरण नहीं हो सका -बरसात में पूरी तरह बंद हो जाता है आवागमन

Newswrap हिन्दुस्तान, आराWed, 21 May 2025 09:29 PM
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मरचईया बाजार से चक्की नौरंगा तक जाने का पक्का रास्ता नहीं, लोगों को परेशानी

बक्सर-कोईलवर तटबंध -चार किलोमीटर लंबे इस अति महत्वपूर्ण मार्ग का पक्कीकरण नहीं हो सका -बरसात में पूरी तरह बंद हो जाता है आवागमन, पैदल ही आते-जाते हैं लोग -सौ मीटर टूटे हिस्से को बंद कराने के संबंध कई बार लगाई गई गुहार बेअसर शाहपुर, निज संवाददाता। बक्सर-कोईलवर तटबंध पर मरचर्ईया बाजार से चक्की नौरंगा तक आने-जाने के लिए पक्की सड़क नहीं है। आजादी के साढ़े सात दशक बाद भी लोग कच्चे रास्ते से होकर आते-जाते हैं। करीब चार किलोमीटर लंबे इस अति महत्वपूर्ण मार्ग का पक्कीकरण नहीं होने से आस-पास के दो दर्जन से अधिक गांवों के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

बरसात के दिनों में तो यह मार्ग पूरी तरह बंद हो जाता है या इस मार्ग पर पैदल ही आने-जाने का एकमात्र सहारा रहता है। इतना कीचड़ हो जाता है कि इस मार्ग से होकर गुजरना सबसे बूते की बात नहीं रह जाती है। वहीं जब गर्मी और शादी-विवाह का सीजन आता है, तो यह मार्ग नजदीक होने के कारण और जाम से बचने व जल्दी पहुंचने के लिए पूरे दिन वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। इससे इस मार्ग पर इतनी धूल उड़ती है कि वाहन से आने-जाने पर पूरी गाड़ी धूल से ढंक जाती है। दूर से ही देख लोग समझ जाते हैं कि यह गाड़ी मरचईया-चक्की नौरंगा मार्ग से होकर आई है। मालूम हो कि शाहपुर प्रखंड के बक्सर-कोईलवर तटबंध के किनारे या तटबंध के ऊपर से आसपास के गांव के लोगों को आने-जाने के लिए पक्की सड़क का निर्माण हुआ है पर बक्सर-कोईलवर तटबंध मरचईया से चक्की नौरंगा और दामोदरपुर तक जाने वाला वाला मार्ग अब भी नहीं बन पाया है। ग्रामीण अजय राय का कहना है कि मरचईया वाया चक्की नौरंगा-दामोदरपुर मार्ग के पक्कीकरण व बक्सर-कोईलवर तटबंध के डेढ़ सौ मीटर टूटे हिस्से को बंद कराने के संबंध में कई बार संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से कई बार शिकायत दर्ज कराई गई। पर बक्सर-कोईलवर के करीब डेढ़ सौ मीटर टूटे हिस्से व बाढ़ क्षेत्र होने का बहाना बनाकर इस अति महत्वपूर्ण जन समस्या को टाल दिया जाता है। वहीं जानकारों का मानना है कि डेढ़ सौ मीटर टूटे तटबंध की जगह छोड़कर दोनों तरफ चार किलोमीटर सड़क का निर्माण हो जाता तो कम से कम आने-जाने के लिए लोगों को काफी सहूलियत हो जाती, पर इस समस्या की तरफ किसी का ध्यान ही नहीं जाता है। साथ ही टूटे हिस्से के भी स्थायी निदान की दिशा में ठोस पहल की जरूरत है। 25 से अधिक गांवों के लोगों को हो रही परेशानी बक्सर-कोईलवर तटबंध मरचईया से चक्की नौरंगा तक जाने वाले करीब चार किलोमीटर लंबे मार्ग का पक्कीकरण नहीं होने से 25 से अधिक गांवों के लोगों को परेशानीहो रही है। इनमें माधोपुर, दामोदरपुर, चक्की नौरंगा, लालू डेरा, जवईनिया, बहोरनपुर, गौरा, काशीडेरा, मरचईया, सईया डेरा समेत अन्य गांव शामिल हैं।

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