संभावित बाढ़ आपदा से निपटने के लिए प्रशासनिक तैयारियां तेज
अररिया जिले में संभावित बाढ़ आपदा से निपटने के लिए प्रशासन ने तैयारियों को तेज कर दिया है। 14 बाढ़ आश्रम और 305 रसोई केन्द्र स्थापित किए गए हैं। 240 परिचालन योग्य नाव और 53 मोबाइल स्वास्थ्य टीमें भी...

अररिया, वरीय संवाददाता। अररिया जिले में संभावित बाढ़ आपदा से निपटने की प्रशासनिक कवायद तेज हो गयी है। आपदा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार अधिकांश तैयारियां पूरी कर ली गई है, बांकी बचे कायों को पूरा करने के लिए संबंधित अधिकारी व अभियंता जी जान से जुटे हैं। विभाग की ओर से बताया गया कि जिले में 14 बाढ़ आश्रम का निर्माण कर संबंधित सीओ को हस्तगत कर दिया गया है। जिले में 292 ऊंचे शरण स्थल के साथ 305 रसोई केन्द्र भी चिह्नित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से 53 मोबाइल टीम का गठन किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से बताया गया कि उनके पास 33 एम्बुलेंस उपलब्ध है। सहायक आपदा प्रबंधन पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार ने बताया कि जिले के पांच स्थलों पर चल रहे तटबंध कटाव निरोधक कार्यों में से दो को पूर्ण कर लिया गया है। तीन स्थलों कार्य प्रगति पर पर शीघ्र ही उसे पूर्ण कर लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि जिले में 240 आपदा मित्र उपलब्ध हैं। इनमें 125 को नागरिक सुरक्षा संबंधी प्रशिक्षण भी प्राप्त है। जिला आपातकालीन संचालन केन्द्र सह नियंत्रण कक्ष 24 घंटे संचालित हैं। 218 स्वचालित वर्षामापी कार्यरत: विभाग की ओर से बताया गया कि जिले के नौ प्रखंडों में 218 स्वचालित वर्षामापी और नौ साधारण वर्षामापी संयंत्र हैं। इसके साथ ही जिले में सभी प्रखंड मुख्यालयों में स्वचालित मौसम केंद्र कार्यरत हैं। बताया गया कि संभावित बाढ़ प्रभावित क्षेत्र एवं संकटग्रस्त व्यक्ति समूहों की पहचान कर ली गयी है। जिले के शून्य से छह वर्ष तक के बच्चों की संख्या जहां 76 हजार 17 है वहीं गर्भवती माताओं की संख्या 22 हजार 113 एवं धातृमाताओं की संख्या 17 हजार 381 है। सहायक जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी ने बताया कि अंचल स्तरीय बाढ़ मास्टर प्लान तैयार कर ली गयी है। साथ ही पंचायत स्तर से जिला स्तर तक सभी संबंधितों की विवरणी जिला स्तरीय कम्यूनिकेशन प्लान में संधारित कर ली गयी है। राहत एवं बचाव दल के गठन की कार्रवाई अंचल स्तर से की जा रही है। परिचालन योग्य 240 नाव उपलब्ध: बताया कि जिले में कुल 344 नाव उपलब्ध है। इसमें 240 नाव परिचालन योग्य है एवं 104 नाव मरम्मति योग्य है। 16 प्रशिक्षित गोताखोर विभिन्न अंचलों में प्रतिनियुक्त हैं। बाढ़ के दौरान होने वाली परेशानी को देखते हुए 28 हजार 390 पॉलिथीन शीट्स उपलब्ध करा लिया गया है। जहां तक लाइफ जैकेट की बात है तो 195 कार्य योग्य जैकेट उपलब्ध है। 41 क्षतिग्रस्त है, जिसे दुरूस्त किया जा रहा है। नोडल पदाधिकारी एवं जिला स्तरीय टास्क फार्स के गठन की कार्रवाई की जा रही है। पर्याप्त मात्रा में मानव व पशु दवा उपलब्ध: सीएस डॉ. केके कश्यप ने बताया कि बाढ़ के दौरान किसी तरह की परेशानी नहीं हो इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के पास मानव व पशु दवा की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है। 53 मोबाइल टीम का गठन किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के पास 33 एम्बुलेंस उपलब्ध है। विभाग की ओर से बताया गया कि बाढ़ पीड़ितों के लिए राशि के व्यय पर निगरानी के लिए अंचल स्तर से निगरानी समिति गठन की कार्रवाई की जा रही है। डीएम के साथ सीएम कर चुके समीक्षा बैठक: बता दें कि इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 20 मई को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक आयोजित की गई थी। इसमें अररिया डीएम भी शामिल हुए थे। समीक्षा बैठक का मुख्य उद्देश्य संभावित बाढ़ व अन्य आपदा की रोकथाम एवं राहत कार्यों के समन्वयात्मक रोडमैप का अंतिम रूप देना था। बैठक में अररिया जिले की तैयारियों की विस्तृत जानकारी दी गई। इसमें वर्षामापी यंत्र, मौसम केंद्र, संसाधन, राहत शिविर, मेडिकल टीम तथा ग्रामीण पेयजल योजनाएं आदि प्रमुख हैं। बोले अधिकारी: जिले में संभावित बाढ़ से निपटने की तैयारियां तेजी से चल रही हैं। बाढ़ प्रभावित विभिन्न अंचलों में अधिकांश में तैयारी या तो पूरी कर ली गई है या पूरी की जा रही है। जो बचे हुए कार्य हैं उसे भी शीघ्र ही पूरा कर लिया जाएगा। बाढ़ आने से पूर्व आपदा से निपटने के लिए सारी तैयारियां पूरी कर ली जाएंगी। राजमोहन झा, एडीएम सह प्रभारी डीएम, अररिया
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