नवगछिया में पुलिस मुठभेड़ में कुख्यात अपराधी गुरुदेव उर्फ फूफा ढेर
रंगरा के मुरली चौक के पास शीशवेल धार के पास हुआ मुठभेड़ कुख्यात गुरुदेव पूर्णिया

नवगछिया (भागलपुर), निज संवाददाता। रंगरा थाना क्षेत्र के मुरली चौक के पास शीशवेल धार के पास शुक्रवार की देर रात पुलिस और एसटीएफ की संयुक्त कार्रवाई में कुख्यात अपराधी गुरुदेव मंडल उर्फ सनोज कुमार उर्फ फूफा मारा गया। मृतक पूर्णिया जिले के धमदाहा थाना क्षेत्र के हरिनकोल गांव का निवासी था। वह नवगछिया, पूर्णिया, मधेपुरा और कटिहार सहित कई जिलों में हत्या, लूट और रंगदारी के करीब 15 मामलों में वांछित था। पुलिस को मिली थी गुप्त सूचना एसपी प्रेरणा कुमार ने प्रेस वार्ता में बताया कि पुलिस को सूचना मिली थी कि गुरुदेव मंडल अपने साथियों के साथ जलकर के पास किसी बड़ी आपराधिक घटना को अंजाम देने की योजना बना रहा है।
इसके आधार पर एसडीपीओ ओमप्रकाश के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। छापेमारी के दौरान अपराधियों ने पुलिस पर गोलीबारी शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में गुरुदेव मंडल को गोली लगी, जबकि उसके साथी अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो गए। घायल गुरुदेव को अनुमंडल अस्पताल ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। घटनास्थल से पुलिस ने हथियार और कारतूस बरामद किए। शव का पोस्टमार्टम अनुमंडल अस्पताल में कराया गया। एसपी प्रेरणा कुमार ने बताया कि गुरुदेव मंडल 25 हजार रुपये का इनामी था। छापेमारी के दौरान पुलिस पर गोलीबारी करने पर आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई में वह मारा गया। पुलिस मामले की आगे की जांच कर रही है। गुरुदेव पर थे कई आपराधिक मामले गुरुदेव मंडल पर नवगछिया, पूर्णिया, मधेपुरा और कटिहार में लूट, हत्या और रंगदारी के करीब 15 मामले दर्ज थे। पिछले पांच वर्षों से वह नवगछिया के मकंदपुर में जमीन खरीदकर घर बनाकर रह रहा था और यहीं से अपराध की घटनाओं को अंजाम देता था। वर्ष 2000 में एक मक्का लदे ट्रक की लूट और चालक की हत्या के मामले में भी वह वांछित था। पुलिस पर कई बार की थी गोलीबारी गुरुदेव मंडल पुलिस पर कई बार गोलीबारी करने का आरोपी था, जिसके चलते नवगछिया पुलिस उससे परेशान थी। वर्ष 2022 में तत्कालीन एसडीपीओ दिलीप कुमार के नेतृत्व में हुई मुठभेड़ में भी उसने पुलिस पर गोली चलाई थी। उस दौरान जवाबी कार्रवाई में वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। परिवार ने किया था बेदखल मृतक के भाई मनोज मंडल ने बताया कि गुरुदेव की आपराधिक हरकतों से तंग आकर परिवार ने उसे 2018 में अदालत के माध्यम से जमीन-जायदाद से बेदखल कर दिया था। वह परिवार से भी पैसे की मांग करता था, जिससे परिजन परेशान रहते थे। उसकी पत्नी भी उसकी हरकतों से तंग आकर 2017 से अपने मायके जरलाही में रह रही थी। गुरुदेव तब से नवगछिया में रहकर आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा था। बहन का रो-रोकर बुरा हाल घटना के बाद मृतक की बहन वीणा देवी लौवा लगाम से अस्पताल पहुंची और फूट-फूटकर रोते हुए कह रही थी, “अब हमारे परिवार को कौन देखेगा” महिला पुलिस ने काफी प्रयास के बाद उसे शांत कराया।
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